बैंकों की हड़ताल के पहले ही दिन यूपी में फंसी 20 हजार करोड़ की क्लीयरेंस, धीरे धीरे अब हो रहे हैं…

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निजीकरण के विरोध में बैंककर्मी सोमवार से दो दिन की हड़ताल पर हैं। इस दौरान ग्राहक बैंकों से लेनदेन करना नामुमकिन है। वहीं दूसरी ओर एटीएम रविवार सुबह ही खाली होने लगे हैं। इस दौरान लोग एटीएम से कैश निकालने के लिए इधर से उधर घूमते दिख रहे हैं। इस हड़ताल के कारण सरकारी बैंकों की हजारों शाखाएं बंद हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि इन दो दिनों की हड़ताल से उत्तर प्रदेश में करीब 40 हजार करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन फंस जाएगा।

बता दें कि यूपी में एक ही दिन में करीब 20 हजार करोड़ रुपये की क्लीयरेंस की जाती है। जिसके चलते 2 दिनों में इससे काफी नुकसान होगा। ऐसे में अब धीरे धीरे एटीएम में पैसे खत्म होते जा रहे हैं और लोगो की मुसीबत बढ़ती जा रही है। गौरतलब हैं कि सरकार ने दो सरकारी बैंकों का निजीकरण करने की घोषणा की थी। लेकिन अब तक यह पता नहीं चला है कि किन दो सरकारी बैंकों का निजीकरण किया जाएगा। इसके ही विरोध में यह दो दिनों की हड़ताल रखी गई है।

इस दौरान भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ के नेशनल वाइस प्रेसिडेंट और यूपी के अध्यक्ष पवन कुमार ने कहा कि देश की सरकारी बैंक अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। जो सबसे जरूरी है। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि “सरकार जनता की गाढ़ी कमाई पूंजीपतियों को सौंपना चाहती है. चाहे जनधन खाते हों या फिर नोटबंदी के समय के हालात, सभी मौकों पर सरकारी बैंकों ने बढ़-चढ़कर अपना योगदान दिया है। यदि निजी बैंकों की इतनी ही जरूरत सरकार महसूस कर रही है तो नए लाइसेंस दिए जाएं. सरकारी बैंकों की कब्र पर निजी बैंकों के पौधे क्यों लगाये जा रहे हैं?” बता दें कि इस हड़ताल का असर निजी बैंकों पर भी पड़ा है।