कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में अभी हाल ही में बारिश और जलजमाव के बाद बेहाल हो गई थी। इंजीनियर से लेकर अधिकतर कर्मचारियों को ऑफिस जाने के लिए ट्रैक्टर का सहारा लेना पड़ा था। सरकार ने बारिश के बाद बेंगलुरु में बने हालात के लिए सीवेज और जल निकासी सिस्टम पर अतिक्रमण को बड़ी वजह बताई थी। जिसको देखते हुए अतिक्रमण के खिलाफ एक अभियान शुरू किया गया। इस अभियान में कई क्षेत्रों में स्टॉर्म वाटर लाइन पर आने वाले अवैध ढांचे को हटाने के लिए बुलडोजर चलाया गया।
इन ढांचों में कई बड़ी कंपनियां भी शामिल हैं। जारी की गई सूची के अनुसार बागमान टेक पार्क के अलावा विप्रो, प्रेस्टीज, इको स्पेस, कोलंबिया एशिया अस्पताल और दिव्यश्री विला भी लिस्ट में शामिल हैं। खबर मिली है कि एक बड़े टेक पार्क ने स्वीकारा है कि उसने नाले पर अतिक्रमण किया है लेकिन इसके लिए निकटवर्ती पूर्वा पार्क्रिज के निर्माता पूर्वांकर पर दोष मढ़ा है। इस पार्क को भी शहर के कुछ हिस्सों में आई भीषण बाढ़ के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है।
बागमाने के महाप्रबंधक जीपी चक्रवर्ती ने इस बात को कुबूल है। उन्होंने एक बयान में कहा है कि “हां, हमने नाले को स्लैब से ढक दिया है। हमने ऐसा केवल महादेवपुरा झील से पानी के वापस प्रवाह को रोकने के लिए किया था। अगर हमने ऐसा नहीं किया होता, तो बागमाने में बाढ़ आ जाती।” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि “यहां मुख्य दोषी पूर्वांकर पुरवारिज विला हैं, जिन्होंने तूफान नाले को ढक दिया है।” ब्रृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) ने इलाके में पिछले महीने एक सर्वेक्षण किया था और अतिक्रमण का पता लगाया था।