अटारी बॉर्डर पर फूट-फूट कर रोने लगीं थीं लता मंगेशकर, जानें क्या हुआ था ऐसा जो…

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स्वर कोकिला के नाम से पहचान रखने वाली सिंगर लता मंगेशकर का निधन हो गया है। वह बीते काफी समय से बीमार चल रही थीं। रविवार को मुंबई के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया। ऐसे में अब उनके निधन के बाद हर कोई उनको याद कर रहा है। बॉलीवुड सेलेब्स उनके साथ बिताए गए पलों को याद कर रहे हैं और उनको सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं। उनके बहुत से किस्से हैं जो आज कल सुर्खियों में हैं। आज हम भी आपको ऐसा किस्सा सुनने जा रहे हैं जिससे आपके दिल में लता दीदी के लिए प्यार और भी ज्यादा बढ़ जाएगा।

ये किस्सा लता मंगेशकर और उनकी आदर्श सिंगर नूरजहां (Noor Jehan) का है। नूरजहां पाकिस्तान की मशहूर सिंगर हैं। उन्हें पाकिस्तान में मल्लिका-ए-तरन्नुम के नाम से जाना जाता है। बता दें कि एक बार लता मंगेशकर उनसे मिलने के लिए जा रही थीं। लेकिन उनको अटारी बॉर्डर पर रोक लिया गया था। बता दें कि नूरजहां, लता मंगेशकर की काफी करीबी दोस्त थी। लेकिन जब भारत और पाकिस्तान का बटवारा हुआ तो वह दोनों एक दूसरे से अलग हो गई। लेकिन फिर उन दोनों को एक बार फिर से मिलने का मौका मिला तो वह पीछे नहीं हटीं।

इस वाक्य का जिक्र करते हुए संगीत प्रेमी नरेश जौहर ने बताया कि “1951 में लता जी और नूरजहां के डुएट सॉन्ग के लिए फेमस कंपोजर सी रामचंद्र लता दी को लेकर अटारी पहुंचें थे। पर उनके सामने एक समस्या आ गई कि उनके पास वीजा-पासपोर्ट नहीं थे, लिहाजा उन्हें बॉर्डर पर ही रोक लिया गया। तब सी. रामचंद्र के जरिए नूरजहां से लता की बात हुई। लेकिन दोनों मिलना चाहती थीं। फिर ये तय हुआ कि नूरजहां भी बॉर्डर पर ही आ जाएं।”
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बता दें कि जब नूरजहां बॉर्डर पर पहुंची थीं तो लता मंगेशकर ने उनको देखकर फौरन गले लगाया और फूट-फूट कर रोने लगीं। इस बात का जिक्र सी रामचंद्र ने अपनी बॉयोग्राफी में किया हुआ है। जानकारी के अनुसार दोनों की मुलाकात के बाद नूरजहां और लता मंगेशकर मुंबई आई, यहां उन्होंने बाकी लोगों से भी मुलाकात की।