अस्पताल में आग लगने के कारण 10 बच्चों की मौत, डॉक्टर और मैनेजमेंट को देना पड़ेगा जवाब..

0
104

कोरोना संकट से बुरी तरह प्रभावित महाराष्ट्र में एक हादसे के चलते 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई है। साथ ही कई बच्चे मुश्किल दौर से गुज़र रहे हैं। बता दें कि शुक्रवार को महाराष्ट्र के भंडारा के जिला अस्पताल में आग लग लगने के कारण कई माताओं की गोद सूनी हो गई। अस्पताल के एक स्टाफ ने बताया कि रात के पौने दो बजे कॉल आया कि ऊपर बच्चों के वार्ड SNCU ( Sick Newborn Care Unit) में आग लग गई है और अंदर कई बच्चे मौजूद हैं। कमरे में काला धुंआ भर गया है, जिसके कारण कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा।

फायर ब्रिगेड की गाड़ी को बुला कर जब बच्चों को बाहर निकला गया तो उनमें से आधे बच्चे जल गए थे और जो बच्चे जले नहीं थे, उनके अंदर भी जान नहीं बची थी। इस दौरान अस्पताल की नर्स ने बताया कि जानकारी मिलते ही सभी लोग वार्ड की ओर चले गए। लेकिन वार्ड में धुआं भरा हुआ था और हमें भी सांस लेने में परेशानी हो रही थी। वार्ड में मौजूद नवजात बच्चों का शरीर पूरी तरह काला पड़ चुका था। जिसका सीधा मतलब है कि आग काफी देर तक लगी रही थी। ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब आग लगी तो अस्पताल के सीनियर मेंबर कहां थे? जब अस्पताल में चाइल्ड वार्ड में हर घंटे डॉक्टर और नर्सें आती रहती हैं, तो फिर ऐसा कैसे हुआ.?

वहीं इस हादसे को लेकर भंडारा के डीएम संदीप कदम ने कहा कि “इस मामले की जांच टेक्निकल कमेटी करेगी और आग लगने के कारणों का पता लगाएगी।” अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ प्रमोद ने बच्चों की जानकारी देते हुए बताया कि “7 बच्चों को बचा लिया गया है और उनकी हालत अब खतरे से बाहर है। जब आग लगी तो नर्स वहां पहुंची लेकिन इतना धुआं था कि नर्सें भी सांस नहीं ले पा रही थीं, इसके बाद किसी तरह बच्चों को निकाला गया।” साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि वार्ड में शॉर्ट सर्किट के दौरान नर्स वहां मौजूद थीं।