पिछले कुछ समय से कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष पद को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है। कई बड़े नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी को ही पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया जाए। वहीं कुछ नेता राहुल को अध्यक्ष बनाने वाली बात से नाखुश हैं। इस बीच राजस्थान की गहलोत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। बता दें कि राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने का एक प्रस्ताव गहलोत सरकार ने पारित किया है। इस काम के बाद राजस्थान ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया है। बताते चलें कि राजस्थान कांग्रेस ने पार्टी आलाकमान को पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्यों को नियुक्त करने के लिए भी अधिकृत किया है।
मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को एक बैठक में इस बात पर चर्चा हुई और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रस्ताव पेश किया। उनके प्रस्ताव के अनुसार राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेशाध्यक्ष तथा राजस्थान से एआईसीसी डेलिगेट्स का चयन कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा किया जाए। वहां मौजूद कई नेताओं ने उनका समर्थन किया। यह प्रस्ताव राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नवनिर्वाचित सभी 400 डेलिगेट्स द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नवनिर्वाचित डेलिगेट्स को बधाई भी दी।
वह बधाई देते हुए कहते हैं कि “आज इस बैठक में मौजूद कांग्रेस जन एक कुनबे के सदस्य हैं। लम्बे समय के पश्चात प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा डेलिगेट्स का अधिवेशन बुलाया गया था जिसमें आम जनता की भावनाओं से सरकार को अवगत कराते हुए प्रस्ताव पारित किए गए। जिन नेताओं की कांग्रेस के कारण पहचान बनी ऐसे लोग संकट के समय पार्टी छोड़कर जा रहे हैं जबकि पार्टी ही नहीं आज देश भी संकट में है। देश में जिस तरह का माहौल बना है वह देशहित में नहीं है। लोकतंत्र पर प्रहार हो रहा है।”
उन्होंने कहा कि “पहले भी संकट आए हैं किन्तु कांग्रेस पार्टी हमेशा मुश्किलों से उबरकर मजबूती के साथ खड़ी हुई है। पिछले 32 वर्षों से गांधी परिवार का कोई सदस्य सरकार में शामिल नहीं हुआ, किन्तु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी परिवारवाद की बात करते हुए राहुल गांधी पर हमलावर रहते हैं। राहुल गांधी द्वारा निकाली जा रही भारत जोड़ो पदयात्रा से देश एकता के सूत्र में बंध रहा है। विचारधारा के आधार पर सभी कांग्रेस जन एक हैं और कोई किसी गुट में बंटा हुआ नहीं है।”