अपने हक के लिए केंद्र सरकार पर भड़के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बोले “हमें केंद्र से भीख मांगनी पड़ती है…”

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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोला है। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर कई आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि मोदी सरकार राज्य सरकार के साथ भेदभाव करती आई है। इस इंटरव्यू के दौरान हेमंत सोरेन से बिरसा मुंडा की जयंती मनाने को लेकर सवाल किया गया। जिसके जवाब में उन्होंने मोदी सरकार की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि “देर से ही सही, जनजातीय समूह के नाम पर एक दिन चिन्हित किया गया है लेकिन मैं समझता हूं कि जनजातीय उत्‍सव मनाना और इस वर्ग को आगे बढ़ाना अलग-अलग चीज है। जिस तरह से यहां पूरा राज्‍य नक्‍सलवाद से प्रभावित रहा है, वह कहीं कहीं गरीबी, अशिक्षा, मजबूरी और रोजगार का अभाव के कारण यह समस्‍या विकराल होती गई।”

इसके बाद उनसे सवाल किया गया कि “आप भीआदिवासी समाज से हैं, क्‍या केंद्र की ओर से पर्याप्‍त सहयोग मिलता है.?” इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि “आज हमने बिरसा स्‍मृति उद्यान का उद्धाटन किया। इसमें केंद्र सरकार ने 25 करोड़ का सहयोग दिया, हमने 150 करोड़ का सहयोग दिया। कम से बराबरी की तो हिस्‍सेदारी होनी चाहिए। हमारे जैसे पिछड़े-गरीब राज्‍यों के लिए तो विशेष रूप से सहयोग होना चाहिए। हम लगातार राज्‍य को विशेष दर्जे की मांग करते हैं। इस राज्‍य को देश के अगड़े राज्‍य में आना चाहिए। यह राज्‍य प्राकृतिक संसाधन से भरपूर है। इस राज्‍य के कोयले से देश जगमग होता है। इस राज्‍य की वास्‍तविक स्थिति क्‍या है, मुझे नहीं लगता कि केंद्र को इस बारे में बताने की जरूरत है।”
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केंद्र सरकार को निशाना बनाते हुए उन्होंने कहा कि “मैं आदिवासी समाज से हूं, समाज में ताकतवर होते हैं तो पूछ भी होती है। रही बात सहयोग की तो अधिकार के लिए भी हमें भीख मांगनी पड़ती है। कोल इंडिया में लाखों-करोड़ों बकाया है। अन्‍य प्रतिष्‍ठान में भी करोड़ों का बकाया है। भारत सरकार के कई उपक्रम यहां काम करते हैं हैं। समय-समय पर जैसे छठ पर्व या दुर्गापूजा हो तो बिजली काट दी जाती है। इसके पीछे एक्‍सक्‍यूज ये है कि राज्‍य सरकार पैसे नहीं देती। केंद्र सरकार हमारे हक का कौन सा पैसा देती है।”