केदारनाथ धाम से घोड़ा पड़ाव तक बाजार बंद, ये है वजह

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रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में आंदोलन के चलते दुकानें, होटल, लॉज और अन्य सुविधाएं बंद हैं। तीर्थ पुरोहितों और यहां विभिन्न माध्यमों से रोजी-रोटी कमारे वालों ने अपने संस्थान बंद कर दिए। केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय लोगों ने सरकार से अपनी मांगें मनवाने के लिए यह कदम उठाया है।

तीर्थ पुरोहितों और लोगों के आंदोलन के चलते तीर्थ यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। केदारनाथ तीर्थ पुरोहित समाज के लोग अपनी मांगें मनवाने के लिए आंदोलित हो गए हैं। तीर्थ पुरोहितों की मांग है कि साल 2013 की आपदा में जो भवन बहे थे और उनके स्थान पर जिन भवनों का निर्माण हुआ है, वह उन्हें सौंपें जायें. आज तक उनको भवन न मिलने से वह बेरोजगार हैं।

तीर्थ पुरोहित समाज की मांग है कि केदारनाथ में उन्हें भूमि का अधिकार भी मिले. आपदा से पहले उन्हें भूमि का अधिकार था, लेकिन आपदा के बाद से अभी तक उन्हें भूमि का अधिकार नहीं मिल पाया है। यह भी मांग है कि केदारनाथ धाम में चल रहे कार्यों को लेकर सरकार को अपनी स्थिति साफ करनी चाहिए।

स्पष्ट नीतियां न होने का आरोप लगाते हुए असमंजस की स्थिति में हैं। अपनी मांगों को लेकर तीर्थ पुरोहितों ने आंदोलन की शुरुआत भी कर दी है। प्रथम चरण में आज केदारनाथ से लेकर घोड़ा पड़ाव तक के सभी बाजार बंद किए गए हैं। तीर्थ पुरोहितों ने धाम में रैली निकालकर प्रदर्शन भी किया। मांगें नहीं मानी जाती हैं तो 18 सितंबर से तीर्थ पुरोहितें ने धाम में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

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