अगले कोरोनावायरस पर हमले की तैयारी, वैज्ञानिकों ने बनाई ऐसी तकनीक जिससे…

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कोरोनावायरस का खतरा अभी भी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में साइंटिस्ट इस बात का पता लगा रहें हैं कि कोरोनावायरस का अगला स्ट्रेन किस जगह पर हमला करेगा। इस बीच वैज्ञानिकों ने अगले कोरोनावायरस से फैलने वाली बीमारियों की चेतावनी भी ज़ाहिर की है। बता दें कि इस दौरान साइंटिस्ट्स ने फंडामेंटल बायोलॉजी और मशीन लर्निंग का उपयोग कर के एक ऐसे तकनीक बनाई है जिससे पता लगाया जा सके कि अगला कोरोनावायरस कब और कहां से पैदा होगा.?

इसको लेकर यूके के लिवरपूल यूनिवर्सिटी के वायरोलॉजिस्ट डॉ. मार्कस ब्लाग्रोव ने कहा कि “हम जानना चाहते हैं कि कोरोना वायरस का अगला हमला कहां होगा। या वो कहां से पैदा हो सकता है। इसके दो तरीके हैं पहला ये कि दो पुराने कोरोनावायरस आपस में म्यूटेट करके नया वायरस पैदा कर दें। या फिर एक ही कोशिका को संक्रमित कर नया वायरस बना दें।” इस बीच पता कुछ जीव-जंतुओं का पता चला है। जिसने अगला कोरोनावायरस पैदा हो सकता है। डॉ. मार्कस की टीम की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में 411 कोरोना स्ट्रेन हैं और इसका संबंध करीब 876 जीवों से है।
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इस टीम की सदस्य डॉ. माया वार्देह ने बताया कि “जीव-जंतुओं की प्रजातियों का अध्ययन करने पर पता चला कि कई प्रजातियां कोरोनावायरस जैसे कई वायरसों को अपने शरीर में रखती हैं। हमने इसी पैटर्न को कंप्यूटर एल्गोरिदम में उपयोग किया। इसके बाद हमें पता चला कि किस तरह की जैविक प्रजातियों को कोरोना संक्रमण होने की सबसे ज्यादा आशंका है।” उन्होंने बताया कि “एशियन पाम सीवेट्स (Civets) में 32 और ग्रेटर हॉर्सशू चमगादड़ (Greater Horseshoe Bat) 68 अलग-अलग तरह के कोरोनावायरस मौजूद होते हैं। कॉमन हेजहॉग (Common Hedgehog), यूरोपियन खरगोश (European Rabbit), ड्रोमडेरी ऊंट (Dromedary Camel) में भी कोरोनावायरस पैदा हो सकता है। या फिर म्यूटेशन करके नया वायरस बन सकता है।”