बिहार : सारण में जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला अभी थमा भी नहीं है कि पड़ोसी जिला सिवान में अब चार लोगों की मौत की खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि छपरा बार्डर से सटे सिवान के भगवानपुर प्रखंड के ब्रह्मस्थान गांव में जहरीली शराब से चार लोगों की मौत हो गई है। मृतकों की पहचान महेश राम, अमीर मांझी, अवध मांझी तथा शंभू यादव के तौर पर हुई है। मृतक शंभू यादव का शव सदर अस्पताल में लाया गया है। उनके भतीजे ने बताया गांव में ही कल शाम में शराब पी थी। शुक्रवार सुबह आंख से कम दिखाई देने की बात कही। इसके बाद तबीयत बिगड़ गई और इलाज के दौरान मौत हो गई।
बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विपक्ष के हंगामें के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कहा है कि जहरीली शराब से मरने वाले लोगों के परिवार को राज्य सरकार किसी तरह का मुआवजा नहीं देगी। सीएम ने कहा कि शराब पीकर मृत्यु पर हम उसे सहायता राशि देंगे? ये सवाल ही नहीं पैदा होता। वहीं, छपरा सदर अस्पताल में आज सुबह से अभी तक जहरीली शराब से तीन और लोगों की मौत हुई है। सभी का पोस्टमार्टम अभी समाप्त हुआ है। इसी के साथ सारण जिले के इसुआपुर, मशरक, अमनौर एवं मढ़ौरा में अब तक मरने वालों की संख्या 56 हो गई है। सिवान में चार मौतों के बाद बिहार में जहरीली शराब से मरने वालों की कुल संख्या 60 पहुंच चुकी है। वहीं, 36 से अधिक लोगों का उपचार सदर अस्पताल व निजी क्लीनिक में चल रहा है।
छपरा के जिलाधिकारी (डीएम) राजेश मीणा ने मादक पदार्थ के सेवन से 26 लोगों की मौत होने की पुष्टि की है। जहरीली शराब पीने से सबसे अधिक मौत मशरक में हुई है। मशरक थानाध्यक्ष रितेश मिश्रा व चौकीदार विकेश तिवारी को निलंबित कर दिया गया है। जबकि, मढ़ौरा के DSP इंद्रजीत बैठा का स्थानांतरण करते हुए उनपर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा गृह विभाग से की गई है।
SP संतोष कुमार ने बताया कि पुलिस ने शराब तस्करी के सप्लाई चेन को चिह्नित कर लिया है। इस मामले में एक महिला तस्कर को भी गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि मशरक से ही शराब की आपूर्ति की गई थी। शराब के सप्लाई चेन को तोड़ने के लिए सोनपुर एएसपी के नेतृत्व में तीन डीएसपी समेत 31 पुलिस अधिकारियों की एसआइटी गठित की गई है। इस मामले में जल्द ही और गिरफ्तारियां होंगी।