जहानाबाद: बिहार अपराध और अपराधियों के लिए बदनाम रहा है। यहां गुंडा राज और जंगल राज की बातें होती रही हैं। लेकिन, बिहार में एक गांव ऐसा भी हैं, जहां एक भी मामला थाने नहीं पहुंचता है। बड़े-बड़े से विवाद का निपटारा गांव के बुजुर्ग ही देते हैं। यह गांव है बिहगा, जो जहानाबाद के घोसी प्रखंड स्थित धौताल में पड़ता है। आजादी के बाद आपसी विवाद को लेकर ये लोग कभी थाने नहीं गए।
गांव के किसी भी शख्स ने आपसी लड़ाई को लेकर थाने में एफआईआर तक दर्ज नहीं कराया। गांव के शांतिप्रिय लोगों ने विवाद की सूरत में भी नजीर पेश की, बिना कोर्ट गए ही मामले का निपटारा कर लिया। करीब 120 घरों में 800 की आबादी वाले इस गांव के लोगों ने प्रेरणादायी मिसाल कायम की है। घोसी प्रखंड मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर दूरी पर स्थित यह गांव एकदम अलग और अनूठे प्रकृति का है।
गांव के सबसे बुजुर्ग जगदीश यादव, नंदकिशोर प्रसाद, संजय कुमार ने बताया कि यहां लोग एकता के सूत्र में इस तरह बंधे हैं कि पंचायत चुनाव में भी वार्ड और पंच पद पर निर्विरोध निर्वाचन होता है। अगर गांव में किसी बात को लेकर विवाद होता भी है तो उसे आपस में ही बात करके निबटा लिया जाता है।
ग्रामीणों के मुताबिक, गांव में आज तक कोई ऐसा बड़ा और गंभीर विवाद नहीं हुआ जिसे सुलझाने के लिए थाने या कोर्ट कचहरी जाने की नौबत आए। छोटे-मोटे विवाद को गांव के बड़े बुजुर्ग की पहल कर निपटारा करा दिया जाता है। गांव के कुछ बुजुर्ग लोग आपस में विवाद होने पर तुरंत हस्तक्षेप करते हैं। दोनों पक्षों से बात करके समझा-बुझाकर सुलह करा देते हैं।