देश में बढ़ते कोरोनावायरस के संकट को देखते हुए 17 मई तक तीसरे चरण का लॉकडाउन चल रहा है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के जगह-जगह फंसे हुए मजदूरों और छात्रों को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट के जरिए प्रदेश सरकार की 2022 की नीतियों का जिक्र करते हुए कई सवाल खड़े किए और तीखे प्रहार किये।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ”2022 तक सबको घर देने का वादा करनेवाले सत्ताधारी आज बेघर भटकते भूखे-प्यासे लोगों को एक वक़्त की रोटी तक नहीं दे पा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह रहा है, सड़कों पर उतरी जनता ने सर्वशक्तिमान होने का दंभ-भ्रम रखनेवाले एक-से-एक बड़ों को पैदल कर दिया है।अखिलेश ने एक और ट्वीट के जरिये भी प्रदेश सरकार पर हमला बोला था।उन्होने लिखा कि, ”कितना मुश्किल होगा उसके आगे का सफ़र… जो मजबूर है सड़कों पर पैदा होने के लिए … कोई है जो सुन रहा है?” उन्होंने यह भी कहा कि जिस प्रकार आत्म-प्रशंसा में मदमस्त सरकार अपने अति केंद्रित ढुलमुल फ़ैसलों की वजह से व्यवस्था करने में असफल रही है, उसका ख़ामियाज़ा जनता भुगत रही है । यदि सरकार रोज़गार और खाने का ही प्रबंध कर दे तो कोरोना वायरस को सरकार नहीं, जनता स्वयं हरा देगी।
और तो और अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि, इस सरकार में जेल में कोई भी सुरक्षा नहीं है,अपितु जेल में बंद सपा के वरिष्ठ नेता मो,आजम खां, उनके बेटे और पत्नी के साथ जेल में दुर्व्यवहार हो रहा है।उन्होंने कहा कि सरकारी दावों के बावजूद झांसी, ललितपुर, मथुरा समेत कई सीमावर्ती क्षेत्रों से मजदूर अभी भी फंसे हैं। प्रदेश में मजदूरों की सुरक्षा भगवान भरोसे है। ललितपुर में गाड़ी पलटने से 10 मजदूर घायल हो गए। सभी मजदूर महाराष्ट्र से जौनपुर और प्रतापगढ़ लौट रहे थे।
इसके साथ ही,अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई ट्रेनों पर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि राजधानी से चलने वाली 15 ट्रेनों की सभी टिकटें एसी की है ऐसे में इतनी ज्यादा महंगी टिकटें होने पर आम इंसान किस से कैसे यात्रा कर सकेगा।