सैफ़ अली ख़ान यूँ ही अपने बेटे तैमूर की बढ़ती लोकप्रियता से परेशान रहते हैं उनका कहना है कि मीडिया की ज़्यादा दख़ल से बरते तैमूर के बचपन पर असर पड़ेगा और वो नॉर्मल बचपन का आनंद नहीं ले सकेगा। साथ ही मीडिया के ज़्यादा फ़ोटो खींचने से तैमूर की आँखों पर असर पड़ सकता है इस बात की चिंता भी सैफ़ को रहती है।
ऐसे में इन दिनों एक ख़बर चल रही है कि तैमूर फ़िल्म में एक स्पेशल अपीरियंस कर सकते हैं। इस ख़बर के आते ही लोगों को उस दिन का इंतज़ार है जब तैमूर बड़े परदे पर नज़र आएँगे। वैसे तैमूर के नाना के घर में अधिकांश बचपन में इस तरह के स्पेशल अपीयरेंस करने में माहिर हैं। लेकिन सैफ़ ने इन बातों का खंडन करते हुए कहा कि लोग इस तरह से किसी के बच्चे के बारे में कैसे सोच लेते हैं। आप हमें 30 साल से जानते हैं हम इस तरह के इन्सान नहीं हैं।
हम कभी तैमूर को फ़िल्म में डालने की सोचते तक नहीं..अपने सपने में भी नहीं। ऐसा इस धरती पर तो कभी नहीं हो सकता। सैफ़ ने आगे कहा कि लोगों को जाने क्यों लगता है कि बच्चे या तो फ़िल्म में आने चाहिए या रिएलिटी शो में लेकिन ये आख़िरी गोल नहीं है। सैफ़ ने कहा कि ऐक्टिंग में आने का कोई सही या ग़लत टाइम नहीं होता कभी। उसका ख़ुद मन होगा तो हम उसे ज़रूर करने देंगे।
साथ ही सैफ़ ने कहा कि कुछ दिन जब तैमूर लंदन में था उसके आसपास कैमरा नहीं होता था और वो बहुत आराम से था उसने कैमरा और मीडिया अटेंशन बिलकुल मिस नहीं किया। उसे ऐसा ही रहने दीजिए। यही नहीं सैफ़ ने मीडिया को इस बात के लिए धन्यवाद भी कहा है कि उन्होंने उनकी प्रायवेसी का ख़याल रखा और उनके घर के सामने से मीडिया के लोगों को हटा लिए हैं।