वित्तीय वर्ष 2022-23 में टैक्स रिबेट लेने के लिए थोड़ा समय ही बच गया है। ऐसे में अगर कोई वेतनभोगी है तो उसके लिए सबसे पहला सवाल आता है कि वह टैक्स में छूट का लाभ कैसे लें। मानक कटौती के रूप में नई कर व्यवस्था में कुछ लाभों को लिया जा सकता है। 1961 का आयकर अधिनियम, धारा 16 (ia), प्रत्येक वेतनभोगी करदाता को अधिकतम 50,000 रुपये तक की कटौती की अनुमति देता है। साथ ही, मानक कटौती पेंशन आय प्राप्त करने वाले करदाताओं के लिए भी उपलब्ध होगी, लेकिन सवाल उठता है कि इसे किस तरह से लिया जा सकता है।
ऐसे समझें पूरा कैलकुलेशन
कर कटौती के रूप में वैसे करदाता जो पुरानी कर व्यवस्था को चुनते हैं, उन्हें मानक कटौती का विकल्प मिलता है। वहीं, बजट 2023 में वित्तीय वर्ष 2023-24 में आयकर अधिनियम की धारा 115बीएसी के तहत प्रस्तावित नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनने वाले करदाताओं के लिए भी मानक कटौती की अनुमति देने का प्रस्ताव किया गया है। मानक कटौती कुछ इस तरह से मिलेगी।
वरिष्ठ नागरिक और अति वरिष्ठ नागरिक को आय के स्रोत के रूप में पेंशन दिया जात है और इसमें कुछ टैक्स का भुगतान करना पड़ता है। ऐसे में वरिष्ठ नागरिक जो 80 वर्ष से कम आयु के हैं, उनके लिए मूल छूट की सीमा 3 लाख रुपये है। वहीं, अति वरिष्ठ नागरिक जो 80 वर्ष से ऊपर हैं, उनके लिए मूल छूट की सीमा 5 लाख रुपये सालाना है। इस तरह इस लिमिट तक रिटर्न दाखिल करने के लिए कोई कर नहीं देना पड़ता है।
IT अधिनियम की धारा 16 के तहत, पेंशनभोगी प्रति वर्ष 50,000 रुपये या पेंशन की राशि, जो भी कम हो, की कटौती का दावा करने के हकदार हैं। बता दें कि मानक कटौती की गणना मूल वेतन, सुविधा, गठबंधन, किराया भत्ता और अन्य गैर-कर योग्य और कर योग्य शुल्क जैसे विभिन्न कारकों के आधार पर की जाती है। साथ ही एनपीएस, पीएफ, एफडी जैसे बीमा विकल्पों के जरिए भी टैक्स में बचत भी की जा सकती है।