उत्तराखंड : 2024 की चुनौती से पहले हरदा-प्रीतम का मिलन, कांग्रेस में क्या चल रहा है?

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देहरादून : पूर्व सीएम हरीश रावत और प्रीतम सिंह लंबे समय से ही कांग्रेस में दो धुर रहे हैं, जो कभी एक नहीं हो पाए। चाहे कांग्रेस कितनी भी मजबूत और कमजोर रही हो। दोनों नेता कभी एक-दूसरे पर निशाना साधने से भी नहीं चूकते नजर आए। दोनों के बीच जुबानी जंग नई नहीं, बल्कि सालों पुरानी है। इस बीच दोनों के बीच एक घंटे की मुलाकात हुई है और इनकी ये मुलाक़ात चर्चा में बनी हुई है। मुलाक़ात में क्या हुआ, फिलहाल सभी अटकलें लगा रहे हैं!

क्या बातें हुई, इस सवाल का सही जवाब तो हरदा और प्रीतम सिंह ही दे सकते हैं। लेकिन, दोनों की मुलाकात के बाद सियासी गलियारों में जो सवाल तैरने लगा है, वह यह है कि क्या दोनों की मुलाकात के बाद केवल बातें हुई या इस बार दोनों के दिल भी मिले या नहीं? हरदा और प्रीतम सिंह की मुलाकात कांग्रेस के लिए सेहतमंत मानी जा रही है। माना जा रहा है कि दोनों नेताओं की मुलाकात से 2024 लोकसभा चुनाव की चुनौती कांग्रेस के लिए कुछ आसान हो सकती है।

राहुल गांधी की भारत जोड़ा यात्रा के बाद से कांग्रेस के लिए माहौल अच्छा बना हुआ है। कांग्रेस विधानसभा चुनाव में मिली हार को लोकसभा चुनाव में जीत के रूप में भुनाना चाहेगी। उसके लिए सबसे जरूरी यही है कि कांग्रेस के नेता एकजुट हों, जिससे कांग्रेस भी मजबूत हो और कार्यकर्ताओं में उत्साह भी नजर आए। ऐसा उत्साह जो 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की राह को आसान कर दे।

हालांकि, दोनों नेताओं की मुलाकात को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि हरक सिंह रावत ने हरिद्वार से ताल ठोकी है, इसको लेकर बात हुई होगी! हरिद्वार हरदा की पसंदीदा सीटों में है। लोगों की मानें तो हरदा अब चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं हैं। लेकिन, यह भी सही जानते हैं कि पूर्व सीएम हरीश रावत खांटी नेता हैं और पहले भी कई बार अपने फैसलों से चौंका चुके हैं। संभव हो कि वो हरिद्वार से ताल ठोकना चाहते हों, ऐसे में हरक सिंह रावत उनकी राह का कांटा बन सकते हैं। उनके इस कांटे को केवल प्रीतम सिंह ही निकाल सकते हैं।

एक चर्चा कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी को बदले जाने की भी है। विधानसभा चुनाव के दौरान और चुनाव परिणामों के बाद से प्रीतम सिंह और प्रदेश प्रभारी के बीच अच्छे संबंध नजर नहीं आए। दोनों की अनबन सार्वजनिक रूप से भी सामने आई। सवाल यह है कि क्या कांग्रेस ने बदलाव का मन बनाया है? हरदा और प्रीतम की मुलाकात को इससे भी जोड़कर देखा जा रहा है।

दोनों नेताओं ने जिस तरह से मुलाकात के बाद मीडिया को बयान दिए हैं, उससे लगता है कि दानों की मुलाकात जरूर अच्छी रही है। यह अच्छी मुलाकात कांग्रेस के लिए भी अच्छी साबित हो सकती है। देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में दोनों की मुलाकात के क्या परिणाम निकलते हैं। बंद कमरे की बात का रिजल्ट आने में कुछ वक्त लग सकता है।

-प्रदीप रावत (रवांल्टा)