शिंदे की शिवसेना में दरार? दो MLA के बीच तकरार, यहां से जुड़े हैं तार

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महाराष्ट्र : बालासाहेबांची शिवसेना यानी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समर्थन वाले ग्रुप में भी नेताओं की नाराजगी सामने आ रही है। खबर है कि सीएम शिंदे के समर्थक विधायक सुहास कांदे ने पार्टी के कुछ फैसलों पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने नजरअंदाज किए जाने के भी आरोप लगाए हैं। विधायक ने उम्मीद जताई है कि शिंदे उनकी परेशानियों को सुनेंगे।

नासिक विधायक कांदे ने शनिवार को महाराष्ट्र सरकार में मंत्री दादा भुसे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाए हैं कि भुसे ने उन्हें क्षेत्र का विधायक होने के बाद भी जिले की अहम बैठकों में बुलाना बंद कर दिया है। कांदे ने कहा कि जिला स्तर पर संगठन में गलत लोगों को चुना गया है। विधायक ने जानकारी दी कि इसकी शिकायत मुख्यमंत्री को भी कर दी गई है।

नासिक जिले से ही आने वाले भुसे और कांदे दोनों ही नेता शिंदे समर्थक हैं। इधर, कांदे दावा कर रहे हैं कि वह अंतिम सांस तक शिंदे का साथ नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा, ‘यह सच है कि मुझे जिले की किसी बैठक में नहीं बुलाया जा रहा है। जिले से जुड़ा कोई फैसले लेने से पहले भी मुझे विश्वास में नहीं लिया जाता।’ उन्होंने कहा कि भुसे उनके साथ जिले की योजना या विकास कार्यों को लेकर चर्चा नहीं करते हैं।

बालासाहेबांची शिवसेना विधायक का कहना है कि उन्हें नियुक्तियों के बारे में अखबार से जानकारी मिली है। उन्होंने कहा, ‘नियुक्तियां गलत हैं , क्योंकि वे पार्टी को मजबूत करने के लिए काम नहीं करते। दुर्भाग्य से यह पार्टी की बढ़त को प्रभावित करता है। उनकी वजह से जिले में पार्टी में इनकमिंग बंद हो गई है। मैं नियुक्तियों के बारे में शिंदे साहब से शिकायत की है।’

उन्होंने कहा, ‘केवल उनके लिए मैं अपमानित होने और एक कदम पीछे लेने के लिए तैयार हूं। लेकिन मैं उन्हें अंतिम सांस तक नहीं छोड़ूंगा।’ शिंदे ने तब की शिवसेना में 40 विधायकों के साथ बगावत कर दी थी। बाद में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार गिरी और शिंदे ने भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी।