देहरादून: सरकार बनने के बाद से ही इस बात की चर्चा है कि भाजपा बहुत जल्द अपने वरिष्ठ नेतओं और कुछ विधायकों को दायित्व बांटेगी। लेकिन, अब तक ऐसा नहीं हुआ है। दरअसल, इसको लेकर विधायकों, सीनियर लीडर और कार्यकर्ताओं में नाराजगी भी है। उसका सबसे बड़ा कारण यह है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल के दौरान जिन नेताओं को दायित्व दिए गए थे। त्रिवेंद्र की कुर्सी जाने के साथ उनकी कुर्सियां भी छिन गई थी। लेकिन, दोबारा बंटवारा हुआ ही नहीं।
त्रिवेंद्र सिंह रावत की कुर्सी जाने के बाद से तीन सीएम बन चुके हैं। जिनमें एक तीरथ सिंह रावत और दूसरा कार्यकाल मौजूदा सीएम पुष्कर सिंह धामी का चल रहा है। ऐसे में अब विधायकों और नेताओं का धैर्य जवाब देने लगा है। वो चाहते हैं कि जल्द दायित्वों का बंटवारा कर दिया जाए।
हाल ही में सीएम धामी के दिल्ली के कई दौरे हो चुके हैं। इस दौरान उन्होंने कुछ अहम बैठकों में भी हिस्सा लिया। पार्टी पदाधिकारियों और केंद्रीय मंत्रियों से भी राज्य के मसलों पर चर्चाएं की। इस दौरान कुछ योजनाओं की स्वीकृति भी हुई। माना जा रहा है कि इन्हीं दौरों के दौरान सीएम धामी ने दायित्व बंटवारे को लेकर केंद्रीय नेतृत्व से बात कर ली होगी।
इस बीच भाजपा ने फायर ब्रांड विवादित बयानों के लिए चर्चित महेंद्र भट्ट को भाजपा ने प्रदेश अध्यख बना दिया। उनको भी अपनी टीम तय करनी है। भाजपा के सामने अब इस बाता की चुनौती है कि किसको संगठन में जगह दी जाए और किए सरकार में शामिल किया जाएगा। बहरहाल, संगठन और सरकार में दायित्वों की सूची तैयार होने के बाद भी भाजपा कोई फैसला लेगी।