रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण अब तक कई देशों का काफी नुकसान हो चुका है। ऐसा बिलकुल भी नहीं है कि रूस और यूक्रेन ही ऐसे देश हैं जिसके ऊपर इस युद्ध का असर पड़ रहा है। बाकी और देश भी इस युद्ध में परेशानियों का सामना कर रहे हैं। ऐसे में अब ईरान ने जारी युद्ध का व्यापार पर और विपरीत असर ना पड़े इस बाबत नए ट्रेड कॉरिडोर का परीक्षण किया है। इस नए ट्रेड कॉरिडोर की मदद से भारत में रूस निर्मित माल को भेजा जा सकेगा। इसको लेकर एक आधिकारिक बयान भी सामने आया हैं।
बयान में कहा गया है कि “राज्य की ओर से संचालित शिपिंग कंपनी ने इस्लामिक गणराज्य को पार करने वाले एक नए ट्रेड कॉरिडॉर का इस्तेमाल करके भारत में रूस निर्मित माल के पहले कंसाइमेंट को भेजने का काम शुरू किया है।” जानकारी के अनुसार इन रूसी कार्गो में लकड़ी के लेमिनेट शीट से बने दो 40-फुट के कंटेनर को पीटर्सबर्ग से कैस्पियन सागर बंदरगाह के लिए रवाना कर दिया गया है। शनिवार को सामने आई एक रिपोर्ट की माने तो इन कंटेनरों का वजन 41 टन है।
इस बीच IRNA की ओर से कहा गया कि “अस्त्रखान से, कार्गो कैस्पियन की लंबाई को उत्तरी ईरानी बंदरगाह अंजाली पार करेगा और पर्शियन गल्फ पर बंदर अब्बास के दक्षिणी बंदरगाह तक सड़क मार्ग से भेजा जाएगा। वहां से इसे एक जहाज पर लाद दिया जाएगा और न्हावा शेवा के भारतीय बंदरगाह पर भेजा जाएगा।” इसके साथ ही अस्त्रखान में संयुक्त स्वामित्व वाले ईरानी-रूसी टर्मिनल के निदेशक दारीश जमाली ने कहा कि “इंपोर्ट का समन्वय और प्रबंधन राज्य द्वारा संचालित इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान शिपिंग लाइन्स ग्रुप और रूस व भारत में इसके क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा किया जा रहा है और इसमें 25 दिन लगने की उम्मीद है।”