लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में नया मोड़, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, अब रिटायर्ड जज करेंगे…

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उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में आज फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यूपी सरकार से साफ कहा है कि वह मामले की जांच की निगरानी के लिए किसी हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की नियुक्ति कर सकता है। बता दें कि यूपी सरकार की ओर से पक्ष रख रहे वकील ने भी इस बात से हामी भरी है। उन्होंने कहा है कि हमें इससे कोई परेशानी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले के अनुसार पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस राकेश जैन को नियुक्त किया जाएगा। लेकिन इसके लिए कोर्ट ने 1 दिन का समय मंगा है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 17 नवंबर को होगी।

दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच में जुटी उत्तर प्रदेश पुलिस की एसआईटी को अपग्रेड करने के निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि “उत्तर प्रदेश सरकार मंगलवार तक यूपी के आईपीएस अधिकारियों की लिस्ट सौंपे। ध्यान रखें कि आईपीएस यूपी कैडर के हों। लेकिन, उत्तर प्रदेश के रहने वाले ना हो।” बता दें कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की जांच पर गंभीर सवाल उठाए थे। कोर्ट ने साफ कहा था कि वह यूपी सरकार की जांच से संतुष्ट नहीं है।
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SC की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा था कि “हमें यह कहते हुए दुख हो रहा है कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि एक विशेष आरोपी को 2 एफआईआर को ओवरलैप करके लाभ दिया जा रहा है।” जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि “अब कहा जा रहा है कि दो FIR हैं। एक FIR में जुटाए गए सबूत दूसरे में इस्तेमाल किए जाएंगे एक आरोपी को बचाने के लिए, दूसरी FIR में एक तरह से सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं। हम चाहते हैं कि दोनों FIR की अलग- अलग जांच हो।” उन्होंने आगे कहा कि “एक किसानों की हत्या का मामला है तो दूसरा पत्रकार व राजनीतिक कार्यकर्ता का। गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं जो मुख्य आरोपी के पक्ष में लगते हैं।”