बढ़ते कोरोना वायरस के बीच हर दिन कोई न कोई बुरी खबर सामने आ रही है। ऐसे में अब हर कोई इससे तंग आ गया है। इस वायरस ने करोड़ों लोगों को अपना शिकार बनाया। वहीं अब तक कई लाख लोगों की जान भी ले चुका है। आज एक बार फिर बड़ी खबर सामने आई है। बता दें कि जो लोग भारत बायोटेक (Bharat Biotech) में तैयार हुई स्वदेशी ‘कोवैक्सीन’ का टीका लगवा चुके हैं। उनको विदेशी यात्रा करने से रोका जा सकता है। कोरोना काल के बीच कई बड़े फैसले लिए जा रहे हैं। ऐसे में संभव है कि आगे भी और फैसले लिए जाए।
कई देशों विदेशी यात्रियों के लिए अलग नियम लागू किए हुए हैं। जिसके चलते यात्रियों को नियमों का पूरा पालन करना होगा, नहीं तो उनकी मुसीबत का सामना करना पड़ेगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की इमरजेंसी यूज लिस्टिंग यानि EUL में कई कंपनियों को शामिल किया है। जिसमें भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ शामिल नहीं है। इस लिस्ट में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड, मॉडर्ना, फाइजर, एस्ट्राजेनेका (2), जेनसेन (अमेरिका और नीदरलैंड्स) और सिनोफार्म/बीबीआईपी का नाम शामिल है। इस लिस्ट में नाम शामिल न होने की वजह से ‘कोवैक्सीन’ का टीका लगवाने वाले यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
बता दें कि फिलहाल वायरस की रोकथाम के लिए सिर्फ सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ का इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि अब रूस में बनी वैक्सीन स्पूतनिक-V को भी जल्द जल्द इस्तेमाल में लिया जाएगा। इस दौरान इमीग्रेशन एक्सपर्ट विक्रम श्रॉफ ने कहा है कि “अगर वैक्सीन EUL में नहीं है या विदेश में उसे मंजूरी नहीं मिली है, तो यात्री को टीका प्राप्त नहीं माना जाएगा।”