भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को बैंकों के निजीकरण को लेकर एक बयान दिया। जिसमें उन्होंने कहा कि हम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण को लेकर सरकार से बातचीत कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि जल्दी ही इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। बता दें कि गुरुवार को दिल्ली में India Economic Conclave (IEC) 2021 के उद्घाटन के संबोधन के दौरान यह सब बातें कहीं। उन्होंने कहा कि “आरबीआई कीमत और वित्तीय स्थिरता बनाये रखते हुए अर्थव्यवस्था में पुनरुद्धार के लिये अपने सभी नीतिगत उपायों के उपयोग को लेकर प्रतिबद्ध है।”
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि “हम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण को लेकर सरकार के साथ चर्चा कर रहे हैं और इस संदर्भ में प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।” इस दौरान उन्होंने बढ़ते क्रिप्टोकरंसी के चलन पर भी बातचीत की। उन्होंने बोला कि “हमने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपनी चिंताओं से सरकार को अवगत कराया है, इस पर विचार किया जा रहा है, सरकार इस पर निर्णय करेगी। मुझे नहीं लगता कि क्रिप्टोकरेंसी पर आरबीआई और सरकार की राय में कोई अंतर है।”
देश में फिर से कोरोना का संकट बढ़ रहा है। ऐसे में अब फिर से अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है। इस मामले पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि “देश में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामले में चिंता की बात, लेकिन इससे निपटने के लिये इस बार हमारे पास अतिरिक्त उपाय हैं. आरबीआई कीमत और वित्तीय स्थिरता बनाये रखते हुए अर्थव्यवस्था में पुनरुद्धार के लिये अपने सभी नीतिगत उपायों के उपयोग को लेकर प्रतिबद्ध है।” उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि “आर्थिक गतिविधियों का पुनरुद्धार निर्बाध रूप से जारी रहना चाहिए, वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आरबीआई के 10.5 प्रतिशत वृद्धि अनुमानों को घटाने की जरूरत नहीं लगती। आरबीआई वित्तीय स्थिरता संबंधी चिंताओं का आकलन कर रहा है, क्योंकि यह आगे केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा के लिये महत्वपूर्ण है।”