सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का प्रदर्शन बीते 2 महीनों से जारी है। ऐसे में जहां किसान अपने फैसले पर डटे हुए हैं। वहीं सरकार भी अपने फैसले से एक कदम पीछे नहीं हट रही। किसानों के इस प्रदर्शन के चलते विपक्ष दलों ने सरकार को हर तरफ से घेर रखा है। विपक्षी दल लगातार केंद्र सरकार पर हमला कर रहे हैं। बता दें कि इस बीच अकाली दल (Akali Dal) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इन कानूनों को रद्द करने का आग्रह किया है। शनिवार को शिरोमणि अकाली दल के नेता और पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल (sukhbir singh badal) ने पीएम मोदी से कृषि कानूनों को रद्द करने की बात कही।
उन्होंने कहा कि “मैं प्रधानमंत्री मोदी जी को कहना चाहूंगा कि देश की आवाज़, देश के किसानों की बात सुननी चाहिए और जल्दी ही ये 3 कानूनों को रद्द करना चाहिए।” वहीं दूसरी ओर पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री का फ़र्ज़ है कि वह दिल्ली जा कर बेकसूर लोगों को रिहा करवाएं। उन्होंने कहा कि “कैप्टन साहब (पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह) का फर्ज बनता है कि वो दिल्ली जाकर बेकसूर नौजवानों को बाहर निकालें और उनके खिलाफ हुए केसों को बंद करें, जिससे 200-300 नौजवानों की ज़िंदगी खराब ना हो। 26 जनवरी से उन नौजवानों को बंद करके रखा है, लाल किले के थाने पर एक भी एफआईआर हुई है?”
बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को भी संसद में विपक्षी दलों ने मोदी सरकार को निशाना बनाया था। इस बीच शिव सेना के सांसद संजय राउत ने केंद्र सरकार पर किसानों के आंदोलन को बदनाम करना का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “निंदा करने वालों को आप बदनाम कर देते हैं। जैसे किसान आंदोलन को बदनाम करने की साजिश चल रही है। यह देश की प्रतिष्ठा के लिए ठीक नहीं है, यह देश के किसानों के लिए और हम सब के लिए ठीक नहीं है।”