कोरो’ना वाय’रस वैश्विक महामा’री के कारण कई महीनों से सभी स्कूल और कॉलेज बंद हैं। माहौल को देखते हुए बच्चों की पढ़ाई का नु’कसान ना हो इसलिए सभी स्टूडेंट्स की पढ़ाई ऑनलाइन कराई जा रही है। जिससे की बच्चों की स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जा सके इसलिए कि कोई कोरो’ना संक्र’मण के चपे’ट में न आए। कोरो’ना महामा’री (Coronavirus Pandemic) की वजह से बच्चों के पेरेंट्स को भी आर्थिक संक’ट का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सरकारें इस बात पर विचार कर रही हैं कि उनके स्कूल की फीस को न बढ़ाई जाए।
चल रहे माहौल को मद्देनजर रखते हुए असम सरकार द्वारा एक सरकुलर जारी किया गया है। जिसके तहत प्राइवेट स्कूलों को इस साल के लिए 25 फीसदी मा’फ करने का निर्देश दिया है। असम सरकार द्वारा जारी किए गए सरकुलर के मुताबिक़ सभी स्टूडेंट्स के लिए प्रि-प्राइमरी लेबल से लेकर 12वीं तक के छात्रों के लिए मा’फ कर दी जाएगी। सरकार द्वारा 14 अगस्त को सरकूलर जारी किया गया और शिक्षा मंत्री हेमंत विस्व सर्मा ने इस को आने ट्वीटर अकॉउंट पर ट्वीट भी किया। यह फीस माफी मई से लेकर स्कूलों को खोले जाने तक लागू रहेगा। शिक्षा मंत्री द्वारा किए गए ट्वीट में कहा गया कि, कोविड-19 की परिस्थितियों को देखते हुए हमने प्राइवेट स्कूलों को सलाह दी है कि वे प्रि-प्राइमरी से लेकर 12वीं कक्षा तक के लिए 1 मई से लेकर स्कूलों के खोले जाने तक छात्रों की 25 फीसदी फीस को मा’फ कर दिया जाए।
स्कूलों ने जिन प्रेंस्ट्स से पहले ही एडवांस में फीस सबमिट कर वाली है उस फीस को अगले इन्स्टॉलमेंट के लिए समायोजित यानी एडजस्ट करना होगा। एकय बयान में कहा गया कि, “असम में लोगों की आय पर काफी बुरा प्रभा’व पड़ा है और ऐसे में वे लॉ’कडा’उन तक स्कूल की फीस पेमेंट करने में सक्षम नहीं हैं। सभी स्कूलों की क्लासेज ऑनलाइन चल रही हैं जिस से सभी स्कूलों का बिजली का खर्चा नही हो रहा है और वह इलेक्ट्रिसिटी, मेनटेनेंस और अन्य खर्चों की बचत भी कर रहे हैं। इस तरह के हालात में बच्चों की फीस को घटाया जा रहा है ताकि पैरेंट्स को सहायता पहुंचाई जा सके। हालांकि, यह भी कहा गया है कि, सारे पैरेंट्स सितंबर अंत कर फीस की पेमेंट कर दें ताकि टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की सैलरी दी जा सके।