मिलिंद देवड़ा पर निरुपम का डबल अटैक

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मुंबई – कांग्रेस इस वक्त शायद अपने गठन के बाद से सबसे गंभीर संकट के दौर से गुजर रही है। कर्नाटक में सरकार के गिने-चुने दिन दिख रहे हैं। अध्यक्ष के नाम का कोई हल नहीं निकल रहा है। खुद भविष्य में गांधी परिवार के रोल को लेकर कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में पार्टी के अंदर की गुटबाजी भी अब खुलकर सामने आ रही है। पिछले दो दिनों से लगातार मुंबई कांग्रेस में यही स्थिति देखी जा रही है। पार्टी के एक नेता को नीचा दिखाने के लिए दूसरे नेता खुलेआम सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं। संजय निरुपम ने सोमवार को फिर से मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले मिलिंद देवड़ा पर निशाना साधा है।

संजय निरुपम ने सोमवार को मिलिंद देवड़ा का नाम लिए बिना ट्विटर पर लिखा है, “‘युवा नेता’ जो पार्टी को ‘राष्ट्रीय स्तर’ पर स्थिर करना चाहते हैं, उन्होंने लोकसभा चुनाव के एक उम्मीदवार की शिकायत की कॉपी मीडिया हाउस को पब्लिश करने के लिए रिलीज की है। यह उन्हें पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ चुनाव के बाद दी गई थी।” क्या इस तरीके से वो पार्टी को स्थिर करने जा रहे हैं?” दरअसल, मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले मिलिंद देवड़ा ने पार्टी को स्थिर करने के लिए खुद के नेशनल लेवल पर योगदान देने की इच्छा जताई थी, जिसपर निरुपम ने उनपर ये तंज कसा है।

इससे पहले रविवार को जब मिलिंद देवड़ा ने मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था, तो भी निरुपम ने नाम लिए बिना उनपर सीधा तंज कसा था। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था, “इस्तीफा में त्याग की भावना अंतर्निहित होती है। यहां तो दूसरे क्षण ‘नेशनल’ लेवल का पद मांगा जा रहा है। यह इस्तीफा है या ऊपर चढ़ने की सीढ़ी ? पार्टी को ऐसे ‘कर्मठ’ लोगों से सावधान रहना चाहिए।” दरअसल, देवड़ा ने तब इस्तीफा दिया, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी महासचिव का पद छोड़ने की घोषणा की। इससे पहले राहुल गांधी के इस्तीफे के महीने भर बाद तक सभी नेता चुप्पी साधे बैठे हुए थे।

दरअसल, मिलिंद देवड़ा के खिलाफ संजय निरुपम की भड़ास को इस तरह से समझा जा सकता है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ही राहुल गांधी ने उनसे मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी छीनकर देवड़ा को सौंप दी थी। लेकिन, मिलिंद देवड़ा भी मायानगरी में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं दिला सके और खुद अपनी सीट भी गंवा बैठे। यही वजह है कि निरुपम को उनके खिलाफ मोर्चा खोलने का मौका मिला हुआ है। हालांकि, देवड़ा राहुल गांधी के करीबी बताए जाते हैं। पिछले 4 जुलाई को भी जब राहुल मानहानि के एक केस में पेशी के लिए मुंबई पहुंचे थे, तो उनकी यात्रा का आयोजन मिलिंद देवड़ा ने ही कराया था।