उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार और पुलिस को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि अमेठी में पुलिस की हिरासत के दौरान सत्य प्रकाश शुक्ला की मौत होने से जो लोगों में भयंकर गुस्सा है, उसे बीजेपी सरकार झूठी दलीलें देकर दबाना चाहती है। युवक के परिजनों ने थर्ड डिग्री की प्रताड़ना का आरोप लगाया है। उसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए नहीं तो भाजपा सरकार से जनता का रहा-सहा भरोसा भी उठ जाएगा।
पूरी घटना कुछ इस तरह से है कि यूको बैंक के मैनेजर से अज्ञात बदमाशों ने दिनदहाड़े असलहे के दम पर 26 लाख रुपए लूट लिए थे। इस मामले में ख़ुलासे के लिए स्वाट विंग टीम ज़िले के साथ ही आसपास के ज़िलों में भी हाथ-पांव मार रही थी। इस मामले में पुलिस ने प्रतापगढ़ के अंतू थाना क्षेत्र के बाबूगंज निवासी सत्यप्रकाश शुक्ला और साजन शुक्ला को शक के आधार पर हिरासत में लिया था। हिरासत के दौरान तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल ले जाया गया जहां सत्य प्रकाश की मौत हो गई।
मौत की ख़बर मिलते ही परिजनों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए मुक़दमे की मांग की। मृतक के भाई ओमप्रकाश की तहरीर पर आईपीसी की धारा 302, 452, 392 व 504 की धाराएं लगाई गई हैं। वहीं पुलिस अधीक्षक का कहना है कि बैंक लूट के मामले की जांच में सत्य प्रकाश और साजन शुक्ला के परिवार द्वारा मुख़बिरी करने की बात सामने आई थी। इसी मामले में उन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मृतक के परिजनों की तहरीर पर मुक़दमा दर्ज करने के बाद एक पैनल द्वारा पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। और घटना की निष्पक्ष जांच के आदेश दिए गए हैं।