हाल ही में देश के कई हिस्सों में हुए दंगों के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने सख्त रवैया अपना लिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को एक वीडियो कांग्रेस कर कई आदेश जारी किए हैं। जिसमें से एक है कि कोई भी अगर उन्माद फैलाने और अफवाह फैलाने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए, फिर चाहे वह किसी भी पक्ष का हो। फील्ड के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पहली वीडियो कॉन्फ्रेंस कर योगी आदित्यनाथ ने ये आदेश जारी किए हैं।
उन्होंने कहा है कि “आने वाले दिनों में कई महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व त्योहार हैं। रमजान का महीना चल रहा है। ईद का त्योहार और अक्षय तृतीया एक ही दिन होना संभावित है। ऐसे में वर्तमान परिवेश को देखते हुए पुलिस को अतिरिक्त संवेदनशील रहना होगा। थानाध्यक्ष से लेकर एडीजी तक अगले 24 घंटे के भीतर अपने अपने क्षेत्र के धर्मगुरुओं, समाज के अन्य प्रतिष्ठित जनों के साथ सतत संवाद बनाएं।” जानकारी के अनुसार सीएम ने अपने आदेश से 4 मई तक सभी पुलिस अधिकारियों व कर्मियों की छुट्टियां निरस्त कर दी है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि “थानाध्यक्ष, सीओ और पुलिस कप्तान से लेकर जिलाधिकारी, मंडलायुक्त तक सभी प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों का अवकाश तत्काल प्रभाव से निरस्त होगा। जो वर्तमान में अवकाश पर हैं व अगले 24 घंटे के भीतर तैनाती स्थल पर वापस लौटें। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा इसे सुनिश्चित कराया जाए।” बयान को आगे बढ़ाते हुए सीएम ने कहा कि “तहसीलदार, एसडीएम, सीओ व थानाध्यक्ष सभी अपनी तैनाती के क्षेत्र में ही रात्रि विश्राम करें। शासकीय आवास है तो वहां रहें नहीं तो किराए का आवास लें। लेकिन रात्रि में अपने ही क्षेत्र में रहें।”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि “हालिया दिनों में विभिन्न धर्मों के कई पवित्र पर्वों का आयोजन हुआ। यह सुखद है कि पूरे प्रदेश में शांति और सौहार्द का माहौल बना रहा। उत्तर प्रदेश में हर एक नागरिक की सुरक्षा हम सभी की पहली जिम्मेदारी है। हमें अपनी इस जिम्मेदारी के प्रति सदैव सतर्क व सावधान रहना होगा। संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती, ड्रोन का उपयोग कर स्थिति पर नजर रखने और प्रतिदिन शाम को पुलिस बल फुट पेट्रोलिंग जरूर करें। पीआरवी 112 भी सक्रिय रहे।”
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि “बिना विधिवत अनुमति के कोई शोभा यात्रा, धार्मिक जुलूस निकालने पर रोक लगाने के साथ ही यह भी साफ किया कि अनुमति देने से पूर्व आयोजक से शांति-सौहार्द कायम रखने के संबंध में शपथ पत्र लिया जाए। अनुमति केवल उन्हीं धार्मिक जुलूसों को दिया जाए, जो पारंपरिक हों, नए आयोजनों को अनावश्यक अनुमति न दी जाए।”