विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन को अमेरिका से फंडिंग रो’कने के बाद लोगों का दिखा ज़बर’दस्त रिएक्शन..

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अमेरिका, विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन से काफी समय से नारा’ज़ चल रहा है और लगातार इसके बारे में बुरा भला बोल रहा है। अब अमेरिका के रा’ष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संगठन को देने वाले फंड रोकने का फैस’ला ले लिया है। ट्रंप ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इसकी जानकारी दी जिसके बाद लोगों के ज़बरदस्त रिएक्शन सामने आ रहे हैं। दरअसल काफी समाय पहले डब्‍ल्‍यूएचओ के महानिदेशक ने एक बयान दिया था जिसमें उन्‍होंने चीन की कोरोना वाय’रस को फैलने से रोकने के लिए की गई तैयारियों को लेकर वहां की सरकार की तारीफ की थी। जिसपर अमेरिकी रा’ष्‍ट्रपति ने डब्‍ल्‍यूएचओ के महानिदेशक पर प’क्षपात करने का आरो’प लगाया था।

उन्होंने व्‍हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान जानकारी देते हुए कहा कि वह डब्‍ल्‍यूएचओ को देने वाली धनराशि को रोक रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि डब्‍ल्‍यूएचओ को सबसे ज़्यादा फंड अमेरिका ही प्रदान करता है। आगे उन्होंने कहा कि संगठन बार बार हमारी आलो’चना के रहा है। संगठन ने यात्रा पर रोक लगाने पर भी निंदा जताई थी। ट्रंप ने कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे डब्‍ल्‍यूएचओ चीन केंद्रित हो गया हैं। इसके साथ ही उन्‍होंने यहां तक कहा कि सं’गठन के पास काफी जानकारी थी, लेकिन उन्‍होंने हमें पूरी जानकारी नहीं दी। बता दें कि अमेरिकी सिनेटर ने डब्‍ल्‍यूएचओ के महानिदेशक के खि’लाफ जांच की मांग भी कर दी थी। आपको बता दें कि जहां अमेरिका इन बयानों को अपने खि’लाफ ले रहा है तो वहीं चीन इसका इस्तेमाल अपने प’क्ष में कर रहा है। डब्‍ल्‍यूएचओ को दिए जाने वाले फंड को रो’कने के लिए ट्रंप के इस बयान पर ट्विटर पर कॉमेंट्स की बाढ़ आ गई है। जहां कुछ लोग ट्रंप के विरो’ध है तो कुछ उनके पक्ष में भी बोलते दिखाई दे रहे हैं।

रा’ष्‍ट्रपति ट्रंप के ट्वीट के जवाब में चाइना डेली के ब्‍यूरो चीफ चेन वीहुआ ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि “अमेरिका ने इस तरह का कदम केवल दुनिया का ध्‍यान भटकाने के लिए ही उठाया है। वो जानते हैं कि कोरोना वाय’रस के प्र’कोप को रोकने में वे नाकाम रहे हैं। रा’ष्‍ट्रपति के उठाए गए कदमों की वजह से अमेरिकी आहत हैं। यदि अमेरिका दो माह पहले दी गई विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की चेतावनी को समझकर कदम उठा लेता तो आज उसको ऐसे दिन देखने नहीं पड़ते। उन्‍होंने ये भी लिखा है कि ट्रंप को इन चेतावनियों को पढ़ना चाहिए।”

मिया फेरो ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि “हम सभी जानते हैं कि पीटर नवारो ने जनवरी में ही इसको लेकर सारी जानकारी दे दी थी, लेकिन सरकार फिर भी सही कदम उठाने से चूक गई। इसका नतीजा है कि आज 12 हजार से अधिक लोग अमेरिका में इसकी वजह से मारे जा चुके हैं।” वहीं निक जैक नामक यूजर ने कहा कि यह सब झूठ है। 30 जनवरी को विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने हेल्‍थ इमरजेंसी का ऐलान किया था जिसके बाद 31 जनवरी को रा’ष्‍ट्रपति ने यात्राओं पर रो’क लगाई थी। वहीं 18 जनवरी को ट्रंप ने इस बीमा’री की जानकारी दी थी। इसके बाद 22 जनवरी को रा’ष्‍ट्रपति ट्रंप ने सार्वजनिक तौर पर इसकी जानकारी दी और कहा कि सब कुछ नियंत्र’ण में है।

कूल क्‍वाइट कंपनी के सीईओ यूगेन ने अपने ट्वीट में लिखा कि “WHO ने कोई झूठ नहीं बोला है, बल्कि रा’ष्‍ट्रपति ने झूठ बोला है। अमेरिका ने चीन को भारी मात्रा में दवाएं और प्रोटेक्टिव इक्‍यूपमेंट्स भेजे थे और अपने लिए कुछ नहीं रखा। समय और मानवता के लिए उठाया गया कदम एकदम सही था, लेकिन उसकी वजह से अब अमेरिकन के पास बचाव का जरिया नहीं बचा ये भी एक सच्‍चाई है।” उन्‍होंने एक अन्‍य ट्वीट में लिखा है कि “सीडीसी ने माना था कि इस वाय’रस की वजह से अमेरिका में काफी कुछ बुरा हो सकता है जो यहां की जिंदगी को बदल कर रख देगा। रा’ष्‍ट्रपति को छोड़कर हर किसी ने इसको माना था। इसके बाद भी रा’ष्‍ट्रपति इसको फ्लू बताते रहे।”