अजित पवार की पार्टी के नेता छगन भुजबल खफा हैं। इसकी वजह यह है कि महाराष्ट्र की नई महायुति सरकार ने अपने कैबिनेट विस्तार में भुजबल को जगह नहीं दी। अब छगन ने बड़ा दावा किया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता ने कहा कि आठ दिन पहले राज्यसभा की सीट का ऑफर दिया गया था। मगर मैंने मना कर दिया। भुजबल ने कहा कि मंत्री पद आते-जाते रहते हैं। मगर मुझे खत्म नहीं किया जा सकता।
नागपुर में एक संवाददाता सम्मेलन में भुजबल ने कहा कि मैंने राज्यसभा सीट का ऑफर ठुकरा दिया है। अगर इसको स्वीकारता तो यह हमारे विधानसभा क्षेत्र के लोगों के साथ विश्वासघात होता। बता दें कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में छगन भुजबल ने नासिक जिले की येओला सीट से चुनाव जीता है।
छगन ने कहा कि जब मैं इस साल की शुरुआत में राज्यसभा में जाना चाहता था तो मुझसे कहा गया कि मुझे विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए। अब मुझे 8 दिन पहले राज्यसभा सीट की पेशकश की गई। मगर मैंने मना कर दिया। मैंने कहा कि मैं एक या दो साल बाद राज्यसभा के विकल्प पर विचार कर सकता हूं। मगर अभी तुरंत नहीं।
छगन भुजबल महाराष्ट्र के प्रमुख ओबीसी नेता हैं। उन्होंने दावा किया कि नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के आरक्षण की मांग करने वाले मनोज जरांगे का मैंने विरोध किया। इसी वजह से मुझे कैबिनेट से बाहर रखा गया। भुजबल ने यह भी कहा कि कैबिनेट विस्तार के बाद से उन्होंने एनसीपी प्रमुख अजित पवार से बात नहीं की है।