जेसे के सब जानते है दुनिया मे कोरो’ना वाय’रस की महामा’री काफी फैल गई है। इसी तरह भारत में भी इस महामा’री का केह’र बरस रहा है। जिसके चलते इसको रोक’ने के लिए केंद्र सरकार ने 3 महीने से लॉ’क डा’उन (lockdown) लगा रखा है। जिसकी वजह से भारत का जीएसटी(GST) कलेक्शन औसत का 45 प्रतिशत तक ही हो पाया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरो’ना वाय’रस के मामलों को लेकर जीएसटी कॉउंसिल की बैठक में ज़रूरी बात कही। बता दें कि बढ़ते मामलों को देख जीएसटी काउंसिल ने छोटे करदाताओं को किसी भी तरह से कोई राहत देने का फैसला नहीं किया। वित्त मंत्री निर्मला का मानना है कि लॉ’कडा’ऊन के दौरान जीएसटी कलेक्शन घट कर औसत का 45 फीसदी तक ही हो पाया है। जीएसटी काउंसिल की हुए बैठक में भारत के हालातों पर पड़ रहे असर की बातें हुई और उसकी समीक्षा की गयी।
वहीं वित्त मंत्री निर्मला ने प्रेस से बात कर बताया कि लॉ’क डा’उन के चलते सरकार का राजस्व कलेक्शन काफी घ’टा है। वित्त मंत्री ने कहा कि “राज्यों को भी समझाया गया है कि कलेक्शन क्या रहा है…जीएसटी कलेक्शन सिर्फ 45 फीसदी की रेंज में रहा है।” बता दें कि राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने इस बात का खुलासा करते हुए बताया कि अप्रैल, मई और जून में कितना राजस्व जमा हुआ है। इस बात की जानकारी जून आखरी हफ्ते में या फिर उसके बाद ही दी जा सकेगी जो के जीएसटी को जमा करने की आखरी तारीख है।
जीएसटी की हुए बैठक में GSTR-3B के लिए विलंब शुल्क में कमी करने का फैसला किया गया। जिसके चलते ये तय किया गया कि जुलाई 2017 से जनवरी 2020 के बीच में जिन करदाताओं पर कोई टैक्स (जीएसटी) लायबिलिटी नहीं है उन्हें विलंब शुल्क देने की जरूरत नहीं है और साथ ही साथ जिनके ऊपर जीएसटी पेंडिंग है उनपर GSTR-3B लेट से फाइल करने के अधिकतम विलम्ब शुल्क की सीमा 500 रुपये प्रति रिटर्न के हिसाब से तय की जाएगी। वहीं जो छोटी कंपनियां 5 करोड़ तक के टर्नओवर करती है उनको विलंब से जीएसटी रिटर्न दाखिल करने पर 18% की जगह 9% की दर से ब्या’ज देना होगा। बताया जा रहा है कि क्षतिपूर्ति सेस को लेकर जीएसटी काउंसिल जुलाई में बात करेगी।