ISRO के नए प्रमुख नियुक्त हुए वी नारायणन

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वी. नारायणन को ISRO का नया मुखिया बनाया गया है. वे एस सोमनाथ की जगह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के नए प्रमुख होंगे. प्रसिद्ध रॉकेट वैज्ञानिक नारायणन 14 जनवरी को यह पद संभालेंगे. नारायणन को अंतरिक्ष विभाग का सचिव भी नियुक्त किया गया है.

इस आदेश में कहा गया है कि “मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने द्रव नोदन प्रणाली केंद्र, वलियामाला के निदेशक  वी. नारायणन को अंतरिक्ष विभाग के सचिव और अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष के रूप में 14 जनवरी2025 से दो साल के लिए या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, नियुक्ति को मंजूरी दे दी है.

अंतरिक्ष विभाग के सचिव भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य करते हैं. सोमनाथ ने 14 जनवरी, 2022 को तीन साल के कार्यकाल के लिए अंतरिक्ष विभाग के सचिव का पदभार ग्रहण किया. इसरो के एक प्रसिद्ध रॉकेट वैज्ञानिक वी नारायणन के पास लगभग चालीस सालों का अनुभव है और उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष संगठन में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं.

वी. नारायणन की विशेषज्ञता
नारायणन की विशेषज्ञता रॉकेट और अंतरिक्ष यान प्रणोदन में है. वे GSLV Mk III वाहन के C25 क्रायोजेनिक प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर थे. उनके नेतृत्व में, टीम ने GSLV Mk III के एक महत्वपूर्ण घटक C25 स्टेज को सफलतापूर्वक विकसित किया. नारायणन 1984 में ISRO में शामिल हुए और केंद्र के निदेशक बनने से पहले विभिन्न पदों पर कार्य किया.

नारायणन का करियर
प्रारंभिक चरण के दौरान, साढ़े चार सालों तक, उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) में साउंडिंग रॉकेट और संवर्धित उपग्रह प्रक्षेपण यान (ASLV) और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) के ठोस प्रणोदन क्षेत्र में काम किया.

साल 1989 में, उन्होंने आईआईटी-खड़गपुर से क्रायोजेनिक इंजीनियरिंग में प्रथम रैंक के साथ एम.टेक की पढ़ाई पूरी की और लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (एलपीएससी) में क्रायोजेनिक प्रोपल्शन क्षेत्र में शामिल हो गए. वर्तमान में, नारायणन एलपीएससी के निदेशक हैं, जो भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के प्रमुख केंद्रों में से एक है, जिसका मुख्यालय तिरुवनंतपुरम के वलियामाला में है, और इसकी एक यूनिट बैंगलोर में है.

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