देहरादून: महंगाई पहले ही लोगों की कमर तोड़ रही है। लेकिन, इस बीच उत्तराखंड वालों के लिए एक ऐसी खबर आई, जिससे 27 लाख 50 हजार 872 लोगों को महंगाई करंट लगने जा रहा हैं। सरकार ने एक अप्रैल से बिजली के रेट में 12 फीसदी बढ़ोतरी करने की तैयारी कर ली है। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने इस पर मुहर लगा दी है। आयोग 23 मार्च को बढ़ी हुई दरें जारी कर देगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस साल UPCL ने नियामक आयोग के सामने बिजली दरों में 16.96 प्रतिशत, UJVNL ने करीब 2.43 प्रतिशत, और पिटकुल ने 9.27 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव नियामक आयोग के समक्ष रखा था। आयोग ने इन सभी प्रस्तावों पर प्रदेशभर में जनसुनवाई कर हितधारकों और तीनों ऊर्जा निगमों की बातें सुनीं। अब आयोग ने बोर्ड की बैठक कर सभी के प्रस्तावों पर मंथन किया है। सूत्रों के मुताबिक, नियामक आयोग ने यूपीसीएल के टैरिफ में करीब 12 फीसदी बढ़ोतरी का निर्णय लिया है।
हालांकि अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। खास बात ये है कि इस बार नियामक आयोग 23 मार्च को ही नई दरें जारी करने जा रहा है। यह दरें प्रदेश में एक अप्रैल से लागू हो जाएंगी। इसी प्रकार, UJVNL और PITCUL के प्रस्तावों के सापेक्ष भी नियामक आयोग कुछ बढ़ोतरी कर सकता है।
जनसुनवाई में आने वाले उपभोक्ताओं, उद्योग प्रतिनिधियों, कृषकों ने फिक्स चार्ज को लेकर भारी विरोध जताया था। सूत्रों के मुताबिक, नियामक आयोग फिक्स चार्ज पर भी कोई निर्णय ले सकता है। गौरतलब है कि प्रदेश में वर्ष 2003 से 2008 के बीच कोई फिक्स चार्ज नहीं वसूला जाता था। इसके बाद आयोग ने दोबारा फिक्स चार्ज की शुरुआत की थी। आयोग इस पर भी कोई निर्णय ले सकता है। वर्तमान में फिक्स चार्ज 18 रुपये प्रति किलोवाट से लेकर 430 रुपये तक है।
इस बार जनसुनवाई में प्रदेशभर के मछली पालकों ने अपना दर्द बयां किया था। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री उन्हें कृषक का दर्जा दे चुके हैं। बावजूद इसके उन्हें कॉमर्शियल कनेक्शन दिया जाता है जो कि बहुत महंगा पड़ता है। प्रदेश में ऐसे करीब 7000 मत्स्य पालकों को नियामक आयोग इस बार नए टैरिफ में कुछ राहत दे सकता है।