उत्तराखंड: भारत-नेपाल सीमा पर बादल फटने से दोनों तरफ भारी तबाही

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पिथौरागढ़:  शुक्रवार की रात पहाड़ों पर हुई तेज बारिश ने लोगों को परेशान कर दिया। भारत-नेपाल सीमा पर बादल फटने से तबाही मच गई है। शुक्रवार की रात्रि को भारत नेपाल सीमा पर आफत की बारिश हुई। रात्रि लगभग एक बजे के आसपास नेपाल के लास्कु के पास बादल फटने से लास्कु नाले ने विकराल रूप ले लिया। नाले के साथ आए मलबे से काली नदी का प्रवाह प्रभावित हो गया।

खोतिला व्यासनगर के पास काली नदी में लगभग दो किमी लंबी झील बनने से खोतिला के नदी किनारे स्थित व्यासनगर के 50 से अधिक मकान जलमग्न हो गए। मौसम को देखते ग्रामीण सजग थे व्यासनगर के ग्रामीणों में मल्ला खोतिला की तरफ दौड़ लगा दी। एक महिला जान बचाने को मकान की छत पर चली गई, जिसे लापता माना जा रहा था।

काली नदी किनारे धारचूला नगर पालिका की गौशाला ध्वस्त हो पांच गायें बह गईं। तटबन्ध बह गए। खोतिला में पुल बह गया। सूचना मिलते ही आपदा प्रबंधन, राजस्व दल, एसडीआरएफ, पुलिस राहत कार्य मे जुटे है। हैलीकॉप्टर से राहत सामग्री खोतिला पहुचाई जा रही है। प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुचाया जा रहा है। उधर, नेपाल में भारी तबाही हुई है। एक दर्जन से अधिक मकान बह गए है। कुछ लोगो के लापता होने की सूचना है। आठ से दस वाहन मलबे के साथ बह गए है।

चम्पावत जिले के मैदानी इलाकों में भी शुक्रवार की रात जोरदार वर्षा हुई है। वर्षा का यह सिलसिला शनिवार की सुबह तक जारी रहा। बनबसा में वर्षा के चलते शारदा एवं हुड्डी नदी का जल स्तर बढ़ गया है। बाजार एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कई जगह जल भराव हुआ है। टनकपुर में भी आज सुबह पांच बजे से वर्षा कुछ देर क लिए झमाझम वर्षा हुई।

पर्वतीय इलाकों में भी आज सुबह कहीं कहीं गरज चमक के साथ आंशिक बूंदाबांदी हुई। अभी आसमान में बादल छाए हैं और हल्की धूप भी निकल रही है। आपदा नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार चम्पावत-टनकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग आवागमन के लि के लिए सुचारू बना हुआ है। ग्रामीण सड़कों पर भी वाहन चल रहे हैं।