उत्तराखंड: देहरादून के टिहरी नगर में होगा भव्य रामलीला का मंचन, 72 साल पहले टिहरी से हुई थी शुरुआत 

0
77

देहरादून: “श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952, देहरादून” द्वारा गढ़‌वाल की ऐतिहासिक राजधानी – पुरानी टिहरी की 1952 से होने वाली प्राचीन रामलीला को टिहरी के जलमग्र होने के बाद देहरादून में पुर्नजीवित करने का संकल्प लिया है। रामलीला का मंचन देहरादून के टिहरी नगर दून यूनिवर्सिटी रोड़ बंगाली कोठी के आजाद मैदान में किया जाएगा। भव्य रामलीला’ का आयोजन शारदीय नवरात्रों में 3 से 13 अक्टूबर 2024 तक होगा, जिसकी तैयारियां जोरों पर हैं।

2023 में आयोजित “भव्य रामलीला” में विशेष आकर्षण के रूप में उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार “Laser Show” व Digital Live Telecast का प्रसारण किया गया था, जिससे विभिन्न माध्यमों के द्वारा रामलीला मंचन को 2023 में रिकॉर्ड 10 लाख लोगों तक पहुंचाने में सफलता पाई।

समिति के अध्यक्ष अभिनव थापर ने ब ताया कि गढ़वाल की ऐतिहासिक व प्राचीन रामलीला 1952 से पुरानी टिहरी के ‘आजाद मैदान’ में टिहरी के डूबने तक होती रही और टिहरी के जलमग्र होने के बाद 2023 में उत्तराखंड के सभी जिलों के निवासियों के सहयोग से गढ़वाल की इस धरोहर को देहरादून में “भव्य स्वरूप ” में पुनर्जीवित किया गया है।

उनका कहना है कि इससे गढ़वाल के इतिहास को पुनर्जीवित करने का मौका मिलेगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए मनोरंजन से अपने इतिहास और सनातन धर्म की परंपराओं के साथ जुड़ने का अवसर भी मिलेगा।

रामलीला समिति के सचिव अमित पंत का कहना है कि इस रामलीला में चौपाई, कथा, संवाद, मंचन आदि सब गढ़वाल की 1952 से चली आ रही प्रसिद्ध व प्राचीन रामलीला के जैसा ही होगा। उनका कहना है कि ‘श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952, देहरादून’ की ओर से इस ऐतिहासिक मंचन से गढ़वाल की संस्कृति को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here