जोशीमठ : जोशीमठ भूस्खलन का खतरा अभी टला नहीं है। वैज्ञानिकों की फाइनल रिपोर्ट आना बाकी है। इस बीच भले ही सरकार ने मुआवजे का प्लान जारी कर दिया हो, लेकिन, संकट लगातार बढ़ रहा है। जोशीमठ के सिंहधार और सुनील गांव में भूधंसाव से जूझ रहे परिवारों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही। सिंहधार में आबादी की ओर झुकी भारी-भरकम शिला के आसपास भूस्खलन होने के बाद अब शिला से चंद कदम की दूरी पर पुश्ता टूट गया है। इससे लोगों में डर बढ़ गया है।
सुनील गांव में खेतों में दरारें बढ़ने से तीन शिलाओं के खिसकने का खतरा बढ़ गया है। इन शिलाओं के आसपास निवास कर रहे 15 परिवार सहमे हुए हैं। प्रभावितों ने प्रशासन से इसकी शिकायत कर राहत की गुहार लगाई है। जोशीमठ के सिंहधार और सुनील गांव वार्ड आपदाग्रस्त घोषित हैं। यहां भूधंसाव के चलते दरारें लगातार बढ़ रही हैं। सिंहधार में 156, जबकि सुनील गांव में 78 भवनों पर लाल निशान लग चुके हैं। इन वार्डों में क्रमशः 98 और 28 भवन खतरनाक की श्रेणी में हैं।
सिहंधार में पिछले दिनों 20-22 फीट ऊंची और 10-12 फीट चौड़ी शिला आबादी की ओर झुक गई थी। इस शिला को खिसकने से रोकने के लिए सीबीआरआइ रुड़की की तकनीकी टीम की सलाह पर लोनिवि ने उसके निचले हिस्से में लोहे के पाइपों की टेक लगाई हुई है। पिछले चार-पांच दिनों में यहां शिला के आसपास भारी भूस्खलन होने से इन टेकों की पकड़ ढीली पड़ी है। इसके बाद भी सुरक्षा को लेकर पुख्ता व्यवस्था नहीं किए जाने से नाराज स्थानीय निवासियों ने बुधवार को शिला की निगरानी के लिए पहुंची टीम को खूब खरी-खोटी सुनाई थी।
सुनील गांव में भी दरारें बढ़ने से स्थानीय निवासी दहशत में हैं। यहां भरत पंवार के मकान से करीब 10 मीटर नीचे जमीन पर आधा फीट तक चौड़ी दरारें उभर आई हैं। मकान खतरे की जद में आने से भरत परेशान हैं। इससे थोड़ा नीचे भूधंसाव के कारण तीन बड़ी शिलाओं के खिसकने का खतरा बढ़ गया है। इनमें से एक शिला आठ से दस फीट ऊंची और तीन से चार फीट चौड़ी है।
अन्य दोनों बोल्डर छह से सात फीट ऊंची और दो से तीन फीट चौड़ी हैं। इन शिलाओं के आसपास 100 मीटर के दायरे में 15 परिवार रहते हैं, जिनकी सांसें अटकी हुई हैं। अब तक प्रभावित परिवारों की सुरक्षा को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से खेतों और भवनों पर नई दरारें आ रही हैं। पुरानी दरारों की चौड़ाई बढ़ने का क्रम भी तेज हुआ है। कुछ खेतों में दो से तीन फीट तक चौड़ी दरारें हैं।
सिंहधार में झुकी हुई शिला के 30 मीटर नीचे गिरसी मोहल्ला और 300 मीटर नीचे रामकलूड़ा मोहल्ला व जेपी कालोनी बसी है। शिला से लगभग एक किमी नीचे मारवाड़ी है। इन सभी स्थानों पर सैकड़ों परिवार रह रहे हैं। शिला के खिसकने की आशंका से इस आबादी की सांस अटकी हुई है। स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया कि शिला पर टेक लगाकर प्रशासन व लोनिवि अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो गए हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा।
सीएचसी और महाविद्यालय के बाद अब नृसिंह मंदिर मार्ग पर स्थित जोशीमठ के सरकारी गल्ला गोदाम को भी दरारें आने के चलते असुरक्षित घोषित कर दिया गया है। गोदाम पर लाल निशान लगाने के बाद अब यहां नया राशन न लाने का निर्णय लिया है। साथ ही प्रशासन की ओर से गोदाम को शिफ्ट करने की कवायद भी चल रही है। इसके लिए जोशीमठ से 15 किमी पहले गुलाबकोटी और 15 किमी आगे तपोवन में स्टोर देखा गया है। दोनों स्टोर की क्षमता कम है, लेकिन यहां गोदाम को अस्थायी रूप से शिफ्ट किया जा सकता है।