देहरादून : बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने पंडा-पुरोहितों के उस बयान पर अपनी सफाई दी है, जिसमें आरोप लगाया था कि मंदिर समिति उनके दक्षिणा मांगने पर रोक लगाने की तैयारी कर रही है। इसको लेकर पंडा-पुरोहितों ने कड़ी आपत्ति जताई थी। पुरोहितों का विरोध सामने आने के बाद बीकेटीसी अध्यक्ष ने बयान जारी कर पूरे मामले में स्थिति साफ़ कर दी है।
अपने बयान में उन्होंने कहा कि पंडा-पुरोहितों के हकहकूकों पर किसी तरह की रोक का सवाल ही नहीं उठता। दक्षिणा उनका अधिकार है। बीकेटीसी अध्यक्ष का यह भी कहना है कि मंदिर समिति में किस तरह से सुधार किया जाए, इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। लोगों को दर्शन करने में आसानी हो और उनको बेहतर सुविधाएं मिलें, इस दिशा में काम किया जा रहा है।
इसके लिए मंदिर समिति की ओर से एक दल देश के बड़ें मंदिरों वैष्णों देवी, महाकाल, तिरूपति बाला जी और सोमनाथ भेजा था। दल ने वहां की व्यवस्थाओं पर आधारित एक रिपोर्ट तैयार की है। इस संबंध में जिलाधिकारी और संबंधित पक्षों से बात की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ लोग अपने व्यक्तिगत स्वार्थों के लिए नहीं चाहते कि मंदिर समिति में सुधारीकरण हो। ऐसे लोग बेवजह अफवाह फैला रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मंदिर के भीतर समिति के जो भी कर्मचारी हैं, उनके लिए नियम है कि वो दक्षिणा ना लें, बल्कि श्रद्धालुओं से दान पात्र में डालने के लिए कहें। ड्रैस कोड को लेकर भी भ्रम फैलाया जा रहा है। मंदिर समिति ने अब तक किसी तरह को कोई निर्णय नहीं लिया है। जो भी फैसला लिया जाएगा। उस पर पहले सभी पक्षों से चर्चा की जाएगी।