देहरादून: बागेश्वर उपचुनाव का ऐलान होते ही राजनीति भी जोर पकड़ने लगी है। भाजपा-कांग्रेस एक-दूसरे को हराने का दावा कर रहे हैं। लेकिन, इस बीच भाजपा ने ऐसा दांव चला, जिसका कांग्रेस को भनक भी नहीं लगी और चित्त हो गई। जिस चेहरे को कांग्रेस के लिए संजीवनी माना जा रहा था। उसे ही भाजपा ने पार्टी में शामिल करा लिया। इस तरह से भाजपा ने बागेश्वर उपचुनाव में शुरूआती बढ़त तो बना ही ली है।
लेकिन, रंजीत दास के भाजपा में शामिल होने के बाद यह भी चर्चा होने लगी है कि कहीं भाजपा उनको चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी तो नहीं कर रही है। क्योंकि जिस तरह से आनन-फानन में उनको पार्टी में शामिल कराया गया। उससे इसके कुछ संकेत भी मिल रहे हैं।
हालांकि, भाजपा की हमेशा यह परंपरा रही है कि भाजपा उसी परिवार से किसी को मैदान में उतारती रही है, जिस परिवार से सीट रिक्त हुई है। प्रकाशपंत और हरबंश कपूर के निधन के बाद उनकी विरासत उन्हीें के परिवार को सौंपी गई। कांग्रेस भी ऐसा ही करती आई है।