जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि आज देश भर में विजयदशमी (Vijayadashmi) मनाई जा रही है और ये भी जानते हैं कि इस मौके पर रावण के प्रतीक रूप को वध कर उसका दहन किया जाता है। लेकिन आज जो हम आपको बताने जा रहे हैं शायद ही अपने कभी सुना हो या आपको मालूम हो। बता दें कि पूरे देश में आज के दिन रावण का दहन किया जाता है। लेकिन उत्तर प्रदेश के कानपुर में आज के दिन रावण को पूजा जाता है। ये जानकर आपको हैरानी हो रही होगी लेकिन ये सच है। उत्तर प्रदेश में कानपुर (Kanpur) के उद्योग नगरी में दशहरा (Dussehra) के दिन रावण की पूजा की जाती है।
बताते चलें कि रावण को पूजने के लिए यहां रावण का एक मंदिर (Ravana Temple) भी मौजूद है। ये मंदिर करीब 153 साल पुराना है और ये केवल दशहरा के दिन ही खोला जाता है। साल में एक बार इस मंदिर को खोला जाता है और यहां पूरे विधि-विधान से रावण का दुग्ध स्नान और अभिषेक कर श्रृंगार किया जाता है। इसके साथ ही रावण की आरती भी की जाती है। लोग इस मौके का पूरे साल इंतजार करते हैं और फिर मंदिर खुलने पर खूब धूमधाम से रावण की पूजा जाता है। लोगों का मानना है कि इस खास मौके पर जो भी मन्नत मांगी जाती है, वो पूरी होती है।
बता दें कि इस दौरान बड़े ही धूम धाम से रावण का जन्मदिन भी मनाया जाता है। गौरतलब हैं कि रावण को जिस दिन राम के हाथों मोक्ष मिला, उसी दिन रावण पैदा भी हुआ था। लोगों का मानना है कि ब्रह्म बाण नाभि में लगने के बाद और रावण के धराशाही होने के बीच कालचक्र ने जो रचना की, उसने रावण को पूजने योग्य बना दिया। बता दें कि यह वह समय था, जब राम ने लक्ष्मण से कहा था कि “रावण के पैरों की तरफ खड़े होकर सम्मान पूर्वक नीति ज्ञान की शिक्षा ग्रहण करो क्योंकि धरातल पर न कभी रावण के जैसा कोई ज्ञानी पैदा हुआ है और न कभी होगा।”