संसद के मानसून सत्र का आज से आगाज होने वाला है। सत्र के पहले दिन ही सरकार और विपक्ष के बीच मणिपुर हिंसा और दिल्ली अध्यादेश मामले में टकराव की आशंका जताई जा रही है। उधर, मोदी विरोधी विपक्षी पार्टियों के एकजुट होने के बाद सरकार को घेरने की रणनीति भी बना ली गई है। अब देखना यह होगा कि संसद सत्र सुचारू रूप से चल पाता है या नहीं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संसद सत्र के शुरू होने से पहले कहा कि आज हम मणिपुर मुद्दे पर ही फोकस रखेंगे। खरगे ने इस पर नोटिस भी दिया है। खरगे ने कहा कि पीएम के पास 38 दलों को एनडीए बैठक के लिए बुलाने का समय है, लेकिन उनके पास वहां जाने का समय नहीं है।
समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने भी मणिपुर हिंसा पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में जो हुआ है वो भाजपा की सरकार की वजह से हुआ है, इसलिए वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। पीएम मोदी जी भाषण तो अच्छे देते हैं, लेकिन देश में क्या हो रहा है इस पर नहीं बोलेंगे।
सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने पर सरकार की निंदा की है। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल कल्याण विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कभी इस पर बात नहीं की, लेकिन अब जब उन पर दबाव है तो वह कहती हैं कि उन्होंने सीएम से बात की। देश की सबसे अक्षम मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मणिपुर की घटना पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि कल देश के सामने मणिपुर की दो महिलाओं के साथ जघन्य अपराध का वीडियो आया। ऐसी घटना देश को शर्मसार करती है। उन्होंने कहा कि एक महिला सांसद होने के नाते मैं मणिपुर पर चर्चा चाहती हूं। पीएम को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और सदन में बोलकर लोगों को जवाब देना चाहिए।
मणिपुर में महिलाओं की वायरल वीडियो पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा है। सांसद रंजीत रंजन ने कहा कि आज हमें शर्म आ रही है। इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए, लेकिन पीएम, गृह मंत्री कहां हैं और क्या कर रहे हैं? उन्होंने कहा, मैं पूछना चाहता हूं कि पीएम चुप क्यों हैं। आप कई देशों का दौरा कर रहे हैं और कह रहे हैं कि भारत में सब कुछ ठीक है। हम पूछना चाहते हैं कि आप अपने सीएम से इस्तीफा देने के लिए कहेंगे या नहीं।