मणिपुर वायरल वीडियो पर संसद में घमासान, सदन स्थगित

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संसद के मानसून सत्र का आगाज हो गया है। सत्र के पहले दिन ही सरकार और विपक्ष के बीच मणिपुर हिंसा मामले में टकराव देखने को मिला है। उधर, मोदी विरोधी विपक्षी पार्टियों के एकजुट होने के बाद सरकार को घेरने की रणनीति भी बना ली गई है। इस बीच लोकसभा और राज्यसभा को दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दिया गया है।

मणिपुर में दो महिलाओं के निर्वस्त्र घुमाने के मामले में केंद्र सरकार भी एक्शन मोड में आ गई है। सरकार ने वीडियो पर सोशल मीडिया पर रोक लगा दी है। वहीं, घटना का मुख्य आरोपी भी पकड़ा गया है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सदन में विपक्ष के रवैये पर सवाल उठाए हैं। मंत्री ने कहा कि विपक्ष सदन को चलने नहीं देना चाहता है।

AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मणिपुर की घटना पर केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पीएम को वीडियो पर प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि यह अब वायरल हो गया है। वहां नरसंहार हो रहा है। न्याय तभी होगा जब सीएम को हटाया जाएगा और मामले की सीबीआई जांच होगी

विपक्ष के हंगामे के चलते संसद के दोनों सदन स्थगित कर दिए गए हैं। लोकसभा को 2 बजे और राज्यसभा को 12 बजे तक स्थगित किया गया है। संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज जब हम लोकतंत्र के इस मंदिर में सावन के पवित्र महीने में मिल रहे हैं, मुझे विश्वास है कि सभी सांसद मिलकर इसका उपयोग करेंगे। पीएम ने कहा कि लोगों का अधिकतम कल्याण करें और सांसद के रूप में अपनी जिम्मेदारियां निभाएं।

संसद सत्र से पहले पीएम मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि हम संसद में हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार हैं। पीएम ने मणिपुर में महिलाओं के वीडियो पर भी बयान दिया। पीएम ने कहा कि इस घटना से मैं बहुत दुखी हूं। हम दोषियों को बख्शेंगे नहीं।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संसद सत्र से पहले कहा कि विपक्ष नहीं चाहता कि सदन चले, इसलिए वे पहले से ही कैविएट ला रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने मणिपुर पर चर्चा की मांग की और जब हमने इसके लिए हां कहा, वे नए-नए बहाने ढूंढ रहे हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राहुल गांधी ने मणिपुर जाकर लोगों से बात की और हमारी पार्टी ने मणिपुर का दौरा किया है, हम हिंसा और बर्दाश्त नहीं करेंगे। खरगे ने कहा कि हम मणिपुर पर चर्चा चाहते हैं और चर्चा के बाद हम यह भी चाहते हैं कि सरकार विपक्षी नेताओं को वहां ले जाए, लेकिन वे ऐसा नहीं कर रहे हैं।