बता दें कि दिल्ली और दिल्ली के आसपास के इलाके फिर से विषैली धुंध के गिरफ़्त में आ चुके हैं, जिससे वातावरण की वायु की गुणवत्ता बहुत ही निचली श्रेणी की रिकॉर्ड हुई है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार ने वायु की गुणवत्ता का स्तर गिरने का मुख्य कारण पराली जलाना बताया है। ग़ौरतलब है कि दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में हर साल अक्टूबर से नवंबर के समय में सर्वाधिक पराली जलाई जाती है। जो दिल्ली क्षेत्र में प्रदूषण बढ़ने का मुख्य कारण है। साथ ही पराली जलाना ग्लोबल वार्मिंग का भी एक मुख्य कारण है।
वायु में प्रदूषण की कमी लाने और जाम की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने ऑड इवन (सम-विषम) की योजना दिल्ली में क्रियान्वित की हुई है। दिल्ली सरकार का इस योजना में पूरा साथ देने के लिए अब उबर ने एक अच्छी पहल की है। मोबाइल ऐप से टैक्सी उपलब्ध कराने वाली उबर ने 4 से 15 नवंबर को सर्ज़ प्राइसिंग फ्री रखने का फ़ैसला किया है।
उबर टैक्सी कंपनी का कहना है कि वह ऑड-इवन योजना के दौरान शहर के यातायात को सुचारू बनाए रखने में एक अहम भूमिका निभाने को तैयार है। इसलिए इस अवधि में उबर अपनी मांग आधारित किराया वृद्धि प्रणाली को बंद रखेगी। उबर कंपनी ने दिल्ली सरकार के इस क़दम का स्वागत करते हुए, इसकी सफलता की कामना की है। उल्लेखनीय है कि महानगरों में भीड़ बढ़ने के दौरान या कह सकते हैं पीक आवर्स में टैक्सी की मांग बढ़ जाती है। ऐसे में ओला और उबर जैसी मोबाइल एप आधारित टैक्सी कंपनियां अपनी दरों में बढ़ोत्तरी कर देती हैं। इसी को सर्ज़ प्राइसिंग कहा जाता है।