वॉशिंगटन। टैरिफ वॉर के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 5 मार्च को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। अपने जोरदार भाषण में उन्होंने साफ कर दिया कि अमेरिका अब टैरिफ के मामले में पीछे नहीं रहेगा। ट्रंप ने कहा, “जो देश हम पर जितना टैरिफ लगाएगा, हम भी उस पर उतना ही टैरिफ लगाएंगे।”
भारत-चीन समेत कई देशों पर लगेगा टैरिफ
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने संबोधन में भारत, चीन, मेक्सिको और कनाडा का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत 100 प्रतिशत ऑटो टैरिफ लगाता है, जबकि चीन इससे भी ज्यादा शुल्क वसूलता है। उन्होंने दक्षिण कोरिया को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि वह अमेरिका से चार गुना अधिक टैरिफ वसूलता है, जबकि अमेरिका उसे सैन्य सहायता देता है।
“हम 2 अप्रैल से उन देशों पर उतना ही टैरिफ लगाएंगे, जितना वे अमेरिका पर लगाते हैं।” ट्रंप ने इसे रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariff) करार दिया। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान भी ट्रंप ने स्पष्ट कर दिया था कि अमेरिका के पारस्परिक टैरिफ से भारत को कोई छूट नहीं मिलेगी और इस पर कोई बहस नहीं की जा सकती।
अमेरिका की ताकत फिर लौटी: ट्रंप
अपने जोशीले भाषण की शुरुआत ट्रंप ने “America Is Back” कहकर की। उन्होंने कहा कि “अमेरिका की आत्मा लौट आई है, हमारा गौरव वापस आ गया है और अब अमेरिकी जनता अपने सपनों को पूरा कर सकेगी।”
रोजगार और सामाजिक नीतियों पर बड़ा बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति ने रोजगार के मुद्दे पर कहा कि “चाहे आप डॉक्टर हों, अकाउंटेंट हों, वकील हों या एयर ट्रैफिक कंट्रोलर, आपको सिर्फ कौशल और योग्यता के आधार पर नियुक्त किया जाना चाहिए, न कि नस्ल या लिंग के आधार पर।”
इसके साथ ही ट्रंप ने शिक्षा नीति में बदलाव का भी ऐलान किया। उन्होंने कहा, “हमने अपने पब्लिक स्कूलों से क्रिटिकल रेस थ्योरी का जहर निकाल दिया है।” इसके अलावा उन्होंने एक नए आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत अमेरिकी सरकार की आधिकारिक नीति होगी कि “केवल दो ही लिंग हैं—पुरुष और महिला।”
वैश्विक व्यापार पर असर पड़ना तय
ट्रंप के इस ऐलान के बाद वैश्विक व्यापार पर असर पड़ना तय है। भारत और चीन समेत कई देशों को अब अमेरिका के जवाबी टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। वहीं, ट्रंप की सामाजिक और रोजगार नीतियों पर भी अमेरिका में राजनीतिक हलचल बढ़ सकती है।