ट्रंप प्रशासन की बड़ी चूक: सिग्नल ग्रुप चैट में लीक हुआ हूती विद्रोहियों पर हमले का प्लान

0
23

वासिंगटन डीसी : यमन के हूती विद्रोहियों के खिलाफ डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा तैयार किया गया गोपनीय युद्ध योजना लीक हो गया है। दिलचस्प बात यह है कि यह लीक किसी हैकिंग या जासूसी के कारण नहीं, बल्कि प्रशासन की खुद की चूक से हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन ने हूती विद्रोहियों पर हमले की योजना एक सिग्नल ग्रुप चैट में साझा कर दी। लेकिन इसमें एक अनजाने ‘विशेष’ सदस्य भी शामिल था—प्रसिद्ध पत्रकार और द अटलांटिक मैगजीन के प्रधान संपादक जेफरी गोल्डबर्ग।

गोपनीयता की पोल खुली

सोमवार को व्हाइट हाउस ने भी इस बात को स्वीकार किया कि सिग्नल ग्रुप चैट में हूती विद्रोहियों पर हमले को लेकर चर्चा हुई थी। ब्रायन ह्यूजेस, जो व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता हैं, ने कहा कि यह चैट प्रामाणिक लग रही है। अब प्रशासन इस बात की समीक्षा कर रहा है कि कोई अनजान नंबर इस ग्रुप में कैसे जुड़ गया?

कौन-कौन था ग्रुप में शामिल?

इस ग्रुप में अमेरिका की शीर्ष सुरक्षा और रक्षा से जुड़े अधिकारी थे, जिनमें रक्षा सचिव पीट हेगसेथ, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज और विदेश मंत्री मार्को रुबियो शामिल थे। लेकिन गलती से इस ग्रुप में एक ऐसा सदस्य भी शामिल हो गया, जो प्रशासन का नहीं, बल्कि मीडिया का व्यक्ति था—जेफरी गोल्डबर्ग।

हेगसेथ ने पत्रकार गोल्डबर्ग को बताया ‘धोखेबाज’

इस लीक को लेकर रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने गोल्डबर्ग पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि “कोई वार प्लान साझा नहीं किया गया था। गोल्डबर्ग एक धोखेबाज और बदनाम पत्रकार हैं, जो बार-बार झूठ फैलाने के लिए जाने जाते हैं।”

ट्रंप ने उड़ाया मजाक, एलन मस्क की पोस्ट भी की री-शेयर

इस पूरे मामले पर जब ट्रंप से सवाल किया गया, तो उन्होंने इसे सिरे से नकार दिया और कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। बाद में उन्होंने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर एलन मस्क की एक पोस्ट री-शेयर कर दी, जिसमें लिखा था—
“अगर किसी शव को छिपाना हो, तो सबसे अच्छी जगह अटलांटिक पत्रिका का पेज 2 है, क्योंकि वहां कभी कोई नहीं जाता।”

पत्रकार को गलती से ग्रुप में जोड़ा गया?

गोल्डबर्ग ने एबीसी न्यूज को बताया कि उन्हें माइक वाल्ट्ज नामक एक व्यक्ति का ग्रुप जॉइन करने का अनुरोध मिला था। उन्हें लगा कि यह कोई अन्य वाल्ट्ज होगा, इसलिए उन्होंने जॉइन कर लिया। लेकिन बाद में ग्रुप में हूती विद्रोहियों पर सैन्य कार्रवाई की रणनीति साझा की गई। हमले के बाद जब ग्रुप में ही बधाई संदेश भेजे जाने लगे, तब उन्हें एहसास हुआ कि वे ट्रंप प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों के बीच बैठे हैं।

‘यह एक सुरक्षा उल्लंघन’ – गोल्डबर्ग

गोल्डबर्ग ने इस घटना को अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली के लिए “गंभीर उल्लंघन” करार दिया। उन्होंने कहा, “अगर एक पत्रकार को ही हथियार प्रणालियों, यमन में हमले के समय, मौसम और सैन्य रणनीतियों की जानकारी दी जा रही है, तो यह बेहद गंभीर मामला है।”