हिमाचल विधानसभा चुनाव में जीत के बाद काँग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर मचा घमासान तेज हो गया है। बीते शुक्रवार को कांग्रेस विधायक दल की कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में हुई बैठक में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला, पर्यवेक्षक व छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बंद कमरे में एक-एक कर सभी विधायकों से मुलाकात की और उनकी राय जानी।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, विक्रमादित्य सिंह सहित 6 के करीब विधायक शुक्ला से मिलने चौड़ा मैदान स्थित होटल सिसल पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक, शुक्ला से कुछ अन्य विषयों पर मंत्रणा चल रही है। शुक्ला दोपहर बाद दिल्ली लौटेंगे और विधायकों से ली गई राय का पूरा फीडबैक हाईकमान को सौंपेंगे। बीते रोज कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सिंगल लाइन प्रस्ताव पारित कर मुख्यमंत्री चयन के लिए हाईकमान को अधिकृत किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह मुख्यमंत्री पद की रेस से पीछे हटने को तैयार नहीं। वह कई बार कह चुकी है कि वीरभद्र सिंह के परिवार को पार्टी हाईकमान नजर अंदाज नहीं कर सकता। पार्टी के समक्ष यह चुनौती है कि यदि प्रतिभा सिंह को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो फिर प्रदेश में दो उप चुनाव होंगे। प्रतिभा सिंह मंडी से लोकसभा सदस्य हैं और इस चुनाव में कांग्रेस का मंडी में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। शिमला ग्रामीण से विधायक व पार्टी महासचिव विक्रमादित्य सिंह कह चुके हैं कि वह अपनी मां को मुख्यमंत्री के पद पर देखना पसंद करते हैं। यदि ऐसा होता है तो अपनी सीट यानि शिमला ग्रामीण भी छोड़ने के लिए तैयार हैं।
कांग्रेस पार्टी हाईकमान मुख्यमंत्री चयन में किसी भी तरह के दबाव में नहीं आएगा। बीते रोज राज्यपाल को सरकार बनाने का न्यौता देने व शपथ के लिए समय मांगने के लिए कांग्रेस के केंद्रीय नेता खुद ही गए। उन्होंने प्रदेश के किसी भी नेता को साथ नहीं लिया। सूत्रों की माने तो यह हाईकमान की सोची समझी रणनीति है कि वह किसी भी तरह के दबाव सहन नहीं करेगा, क्योंकि हिमाचल में सरकार बनाने में केंद्रीय नेताओं ने भी खूब पसीना बहाया है।
प्रदेश प्रभारी शुक्ल यह भी कह चुके हैं कि किसी भी नेता को दिल्ली आने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वह विधायकों की राय से हाईकमान को अवगत करवा देंगे। बीते रोज राजीव भवन पहुंचने पर कांग्रेस नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा था. ‘मैं सीएम उम्मीदवार नहीं हूं। मैं कांग्रेस पार्टी का अनुशासित सिपाही व कार्यकर्ता व विधायक हूं। पार्टी आलाकमान का फैसला अंतिम होगा।’