धनतेरस पर आज ये रहेगा पूजा का शुभ मुहूर्त, ऐसे करें पूजा

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खुशी और प्रेम के साथ रिश्तों में मिठास घोलने वाला दीपोत्सव आज धनतेरस के साथ शुरू हो गया है। आज धन के भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी व कुबेर की पूजा होगी। बुधवार को नरक चतुदर्शी, 31 को दीपावली मनाई जाएगी। इसे लेकर लोगों में इस पर्व को मनाने के लिए खासा उत्साह दिख रहा है। सनातन धर्म में धनतेरस का खास महत्व है। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि भगवान धन्वंतरि को समर्पित है।
इस शुभ अवसर पर भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। पंचाग के अनुसार, इस वर्ष आज यानी 29 अक्टूबर को धनतेरस का पर्व मनाया जा रहा है। सनातन शास्त्रों में वर्णित है कि चिरकाल में समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। चिरकाल में देवता अमृत का पान कर अमर हो गए थे। अतः तत्कालीन समय से कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर भगवान धन्वंतरि की पूजा की जा रही है। ज्योतिषियों की मानें तो धनतेरस के दिन दो शुभ मुहूर्त में भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाएगी।
कार्तिक मास के त्रयोदर्शी यानी धनतेरस आज मनाया जाएगा। लोग धन व संपदा के लिए धन के भगवान धवंतरि, मां लक्ष्मी व कुबेर का पूजन करेंगे। इस दिन सोना, चांदी व नए बर्तनों की खरीद के साथ ही पूजा की जाएगी। ज्योतिषाचार्य आचार्य डा. सुशांत राज के मुताबिक आज सुबह 10 बजकर 32 मिनट से बुधवार दोपहर सवा एक बजे तक त्रयोदशी तिथि रहेगी। धनवंतरि पूजा का मूहुर्त सुबह छह बजकर 31 मिनट से आठ बजकर 44 मिनट तक रहेगा।
ज्योतिषियों की मानें तो प्रदोष काल और वृषभ लग्न के दौरान मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से धन में बढ़ोतरी होती है। इसके साथ ही धन की देवी मां लक्ष्मी गृह में ठहरती हैं। इसके लिए धनतेरस के दिन प्रदोष काल और वृषभ लग्न के दौरान भगवान धन्वंतरि और मां लक्ष्मी की पूजा करें। धनतेरस के दिन पूजन के लिए प्रदोष काल संध्याकाल 05 बजकर 38 मिनट से लेकर 08 बजकर 13 मिनट तक है।
वहीं, वृषभ काल शाम 06 बजकर 31 मिनट से लेकर संध्याकाल 08 बजकर 13 मिनट तक है। इस समय भगवान धन्वंतरि और मां लक्ष्मी की पूजा करें। इस समय में पूजा करने से धन में अपार वृद्धि होगी।धनतेरस पर भगवान कुबेर व आयुर्वेद के प्रणेता भगवान धनवंतरि की पूजा की जाती है। धनतेरस के दिन विशेष रूप से नए वाहन, घर, सोना, चांदी, बर्तन, कपड़े, धनिया, झाडू खरीदने का महत्व है। मान्यता है कि इस बार सोना, चांदी, बर्तन, जमीन की खरीदारी करने से इनमें वृद्धि होती है।