मुंबई: आदित्य ठाकरे ने कहा कि सरकार सड़क बनाने की एक बड़ी योजना बना रही है। उनका कहना है कि कंकरीट की सड़कें नहीं बनाई जारी चाहिए। इस तरह की सड़कें पानी नहीं सोखती हैं, इसलिए ऐसी सड़कें नहीं बनाई जानी चाहिए। मुंबई भी धीरे-धीरे ठह जाएगी। साथ ही यह भी कहा है कि जिन कंपनियों को टेंडर दिया गया है। उनके पास काम करने का लंबा अनुभव नहीं है।
ऐसे में बारिश होने पर मुंबई में बाढ़ की स्थिति हो जाएगी। उन्होंने सवाल उठाया कि इसका जिम्मेदार कौन रहेगा। मुंबई को बेहतर विकास की जरूरत है। ऐसा विकास, जिससे मुंबई को कोई नुकसान ना हो। शिवसेना (यूबीटी) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने जानना चाहा कि मुंबई में लगभग 400 किलोमीटर सड़कों के कंक्रीटीकरण का प्रस्ताव किसने रखा था।
ठाकरे ने यह भी पूछा कि क्या सड़क के काम को पूरा करने की कोई समय सीमा है। उन्होंने यह भी पूछा कि जब बीएमसी में कोई जनप्रतिनिधि, महापौर या स्थायी समिति नहीं है, तो प्रशासक के लिए यह कितना उचित है कि वह सड़कों के कंक्रीटीकरण का प्रस्ताव करे और खुद मंजूरी दे।
बीएमसी का कार्यकाल पिछले साल मार्च में समाप्त हो गया था और इसके चुनाव होने वाले हैं। ठाकरे ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि ठेकेदारों के लाभ के लिए मुंबई में सड़कों के कंक्रीटीकरण के लिए अधिक कीमत पर निविदाएं जारी की गईं, जिसे रद कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि शहर में 400 किलोमीटर सड़कों को पक्का करने के लिए 6,000 करोड़ रुपये से अधिक के नए ठेके जारी किए गए हैं।
ठाकरे ने पूछा सड़कों के कंक्रीटीकरण का प्रस्ताव किसने दिया क्योंकि नगरसेवकों जैसे स्थानीय प्रतिनिधि सड़क मरम्मत का प्रस्ताव देते हैं? उन्होंने कहा कि यहां छोटी-छोटी गलियां हैं जहां सालों से डामर (सड़क की कोटिंग के लिए) का इस्तेमाल किया जा रहा है। पेडर रोड और मरीन ड्राइव के मामले में डामर मैस्टिक (कोटिंग) है और वे अभी भी अच्छी स्थिति में हैं।