मुंबई: महाराष्ट्र की सियासत में हर दिन कोई ना कोई ऐसी घटना सामने आ रही है, जिसके बाद राजनीतिक माहौल में गर्मी महसूस होने लगती है। अब एक बार फिर महाराष्ट्री की राजनीति में हलचल नजर आ रही है। जिसका बड़ा कारण शिवसेना का चुनाव निशान है। शिवसेना के चुनाव चिह्न पर अभी कोई फैसला भले न हुआ हो, लेकिन खुद को असली शिवसेना बताने वाले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट ने अपने पोस्टर-बैनर पर पार्टी के चुनाव चिह्न धनुष-बाण को लगाना शुरू कर दिया है।
शिवसेना में हुई बड़ी टूट के बाद से ही पार्टी के 40 विधायक और 12 सांसद अपने गुट को ही असली शिवसेना बता रहे हैं। विधानसभा में इस गुट के विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष और लोकसभा में सांसदों को लोकसभा अध्यक्ष द्वारा शिवसेना को ही असली गुट की मान्यता भी मिल चुकी है।
उसी दौरान शिंदे गुट ने चुनाव आयोग को आवेदन देकर पार्टी का चुनाव चिह्न धनुष-बाण के उपयोग की अनुमति उसे ही देने की मांग की है। चुनाव आयोग ने इस मामले में दोनों पक्षों से अपने-अपने दस्तावेजी प्रमाण प्रस्तुत करने को कहा था। इस संबंध में अभी चुनाव आयोग ने कोई फैसला नहीं सुनाया है। उद्धव गुट की ओर से सर्वाेच्च न्यायालय में भी शिंदे गुट के विरुद्ध कई याचिकाएं दायर की गई हैं। इन याचिकाओं पर सुनवाई के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ का गठन कर दिया गया है। लेकिन इस संबंध में कोई फैसला बहुत जल्द आएगा, ऐसा लगता नहीं है।
इन सारे विवादों के बीच शिंदे गुट अब इतना निश्चिंत हो चुका है कि महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना शिंदे गुट के मुख्य सचेतक भरत गोगावले ने हाल ही में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सर्वाेच्च न्यायालय का फैसला आने में तो चार-पांच वर्ष लग जाएंगे। तब तक तो हम दोबारा चुनकर अपनी सरकार भी बना चुके होंगे।
संभवतः सरकार की स्थिरता के प्रति इसी निश्चिंतता का परिणाम है कि अब शिंदे गुट ने अपने बैनर-पोस्टर पर मुख्यमंत्री शिंदे, शिवसेना संस्थापक बालासाहब ठाकरे एवं एकनाथ शिंदे के राजनीतिक गुरु आनंद दिघे की तस्वीरों के साथ-साथ शिवसेना के चुनाव चिह्न धनुष-बाण का उपयोग भी शुरू कर दिया है। इन दिनों मुंबई में घूम रही बेस्ट की बसों के पीछे इसपोस्टर बहुतायत में देखे जा सकते हैं।