उत्तराखंड में पिछले दो महीने से भूस्खलन, बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदाओं की मार झेल रहे लोगों के लिए यह खबर और परेशानी में डालने वाली है।
आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से कराए गए हालिया सर्वे में पूरे राज्य में 235 ऐसे स्थान चिह्नित किए गए हैं, जो प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से खतरनाक हैं।
दूसरी ओर सर्वे में यह बात सामने आई है कि प्राकृतिक आपदाओं में अब तक विभिन्न इलाकों में 90 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 10 लोग लापता है, जिनकी एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तलाश कर रही है। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक प्राकृतिक आपदाओं में अब तक 650 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ है।
आपदा प्रबंधन विभाग के उपसचिव संतोष बडोनी के मुताबिक इस वर्ष मानसून के दौरान आई आपदाओं में 90 लोगों की जान जा चुकी है जबकि 10 लोग लापता हैं।
आपदाओं के चलते अवस्थापना सुविधाओं को काफी नुकसान पहुंचा है। जिलों एवं विभागों से भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक 650 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ है।
बकौल उप सचिव बडोनी विभाग की ओर से पूरे राज्य में आपदा के लिहाज से 235 खतरनाक जोन चिह्नित किए गए हैं, जहां आपदा प्रबंधन विभाग और जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं।
उल्लेखनीय पहलू यह है कि ज्यादातर खतरनाक जोन चारधाम यात्रा मार्गों पर चिह्नित किए गए हैं। उप सचिव के मुताबिक आपदा से प्रभावित 341 गांव में से 100 गांव का सर्वे करा लिया गया है।
इन गांवों के ग्रामीणों को आपदा राहत सहायता पहुंचाई जा रही है। प्राकृतिक आपदाओं के दौरान जानमाल का नुकसान न हो, इसके लिए नदी के आसपास के क्षेत्रों में निगरानी के लिए जिला प्रशासन को पहले ही अलर्ट कर दिया गया है।
नदी के किनारे जल पुलिस को तैनात करने के साथ ही बाढ़ राहत चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है। आपदाओं के चलते कई राजमार्गों और संपर्क मार्गों पर यातायात बाधित है। जिसे दुरुस्त किया जा रहा है, ताकि यातायात बहाल किया जा सके।