उत्तर प्रदेश में आए दिन ऐसी घटनाएँ हो रही हैं जिससे वहाँ कि सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे हैं। जहाँ जनता सवाल उठाती है वहीं सरकार के रवैए से अब नाराज़ हो आयी है सुप्रीम कोर्ट भी। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी की योगी सरकार के माथे पर चिंता की लक़ीरें ला देने वाली कड़ी टिप्पणी की है। जिससे योगी सरकार परेशानी में पड़ सकती है।
सूत्रों के मुताबिक बुलंदशहर के सैकड़ों वर्ष पुराने एक मंदिर से जुड़े प्रबंधन के मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने यूपी सरकार को लेकर कड़ी टिप्पणी की है। बता दें कि जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने यूपी सरकार की ओर से पेश एडिशनल एडवोकेट जनरल से पूछा कि क्या यूपी में कोई ट्रस्ट या सहायतार्थ ट्रस्ट एक्ट है क्या? क्या वहां मंदिर व सहायतार्थ चंदे को लेकर कोई क़ानून है?
यूपी सरकार के वकील ने कहा कि इस बात की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। यूपी के एडिशनल एडवोकेट का यह जवाब सुप्रीम कोर्ट को पसंद नहीं आया। और इस पर नाराज़ होकर पीठ ने कहा ऐसा लगता है कि राज्य सरकार चाहती ही नहीं कि वहां क़ानून हो,पीठ ने कहा लगता है वहां जंगलराज है।
सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि हम यूपी सरकार से परेशान हो गए हैं। हर दिन ऐसे देखने को मिलता है कि सरकार की ओर से पेश वकील के पास उचित निर्देश नहीं होते हैं। फिर चाहे वह दीवानी मामला हो या फिर आपराधिक। पीठ ने पूछा कि आख़िर ऐसा क्यों हो रहा है? सुप्रीम कोर्ट की ये कड़ी टिप्पणी यूपी सरकार की आंखें खोलने के लिए है, कि यूपी में सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है। ज़रूरत है राज्य में सुधार की एक विशेष रणनीति बनाने की।