सुप्रीम को’र्ट को दी मृ’त बाघ की जानकारी, पोस्ट’मार्टम रिपोर्ट से बताया…

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कोरो’ना काल के दौरान मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व में एक बाघ की मौ’त हो गई। सबका ये मनना था कि उस बाघ की मौ’त कोरो’नावाय’रस से संक्रमि’त होने के कारण हुई है। जिसके चलते उस बाघ का पोस्ट’मार्टम करवाया गया। बता दें कि केंद्र सरकार ने पोस्ट’मार्टम रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए सुप्रीम को’र्ट को बताया कि उस बाघ की मौ’त कोरो’ना संक्रम’ण की वजह से नहीं बल्कि पेट में संक्र’मण होने के कारण हुई है। चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस आरएस रेड्डी व जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता संगीता डोगरा को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने की अनुमति दे दी।

बता दें कि केंद्र की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि “सरकार पशु कल्याण के प्रति संवेदनशील है।” पीठ का कहना है कि वो सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से सहमत है। वहीं केंद्र ने भी इस मामले में आगे की जां’च के लिए समिति के गठन का भरोसा दिया है। याचिकाकर्ता संगीता ने कहा कि “सरकार के हलफनामे और आरटीआइ जवाब में एकरूपता नहीं है। जहां बाघ की मौ’त हुई थी, उसे कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया था।” बताया जा रहा है कि बाघ की नाक बह रही थी। जिसके चलते उसके आस पास आने वाले सभी अधिकारियों को क्वारं’टाइन किया गया।
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जिसके बाद पीठ ने इस मामले के लिए चार हफ्ते बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। जिसके चलते संगीता ने 8 मई को सुप्रीम को’र्ट में दिल्ली हाई को’र्ट के फैसले को चुनौ’ती दी। उन्होंने पशुओं में कथित तौर पर फैल रहे कोरो’ना वाय’रस को रोकने के लिए केंद्र सरकार को पशु चिकित्सकों की मदद प्रदान करने के निर्देश दिए जाने की मांग हाइ को’र्ट में रखी। वहीं देश में अब तक कोरो’नावाय’रस के मामलों ने 10 लाख का आंकड़ा पार कर दिया है। वहीं अब इससे संक्रमि’त होकर म’रने वाले म’रीजों का भी आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। फिलहाल देश में अब तक 25,553 संक्रमि’त म’रीजों की मौ’त हो चुकी है।