बीते 10 दिनों से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है, लेकिन इसका अंजाम बाकी और देशों को भुगतना पड़ रहा है। इस दौरान सबसे ज्यादा परेशान भारत है, क्योंकि यूक्रेन में भारी तादाद में भारतीय नागरिक मौजूद हैं। जिनको वापस भारत लाने में काफी मुश्किल हो रही है। कई नागरिकों को वापस लाने के बाद भी यूक्रेन में कई भारतीय छात्र मौजूद हैं। हाल ही में यूक्रेन के उत्तरपूर्व शहर सुमी से छात्रों का एक वीडियो सामने आया था। जिसमें वह रूसी सीमा की ओर बढ़ने की बात कह रहे हैं। इस वीडियो के सामने आने के बाद भारत सरकार ने उनको वहीं रुकने की सलाह दी है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस वीडियो के बाद वहां मौजूद छात्रों से घरों में रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि “हमने सभी छात्रों से सुरक्षा संबंधी सभी निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है। उन्हें बंकरों औऱ शरण के अन्य स्थानों पर रहने को कहा गया है औऱ किसी भी प्रकार का जोखिम न मोल लेने की सलाह भी दी गई है।” जो वीडियो सामने आई थी उसमें छात्र काफी घबराए हुए नजर आ रहे थे और बोल रहे थे कि ये उनका आखरी वीडियो है और वह अब रूसी सीमा को कूच कर रहे हैं।
एक छात्र ने कहा कि अगर इस दौरान हमें कुछ होता है तो इसकी जिम्मेदार भारत सरकार होगी। वीडियो में छात्र ने कहा कि “सुबह से ही हम लगातार बमबारी और गलियों में गोलाबारी की आवाजें सुन रहे हैं। हम भयभीत हैं और इंतजार करने का हमारा सब्र का बांध टूटता जा रहा है। हमने अपनी जान जोखिम में डालकर आगे बढ़ने का फैसला किया है। अगर हमारी जिंदगी को कुछ होता है तो इसकी जिम्मेदारी सरकार और यूक्रेन में भारतीय दूतावास की होगी। यह मिशन गंगा की सबसे बड़ी असफलता होगी।” बताया जा रहा है कि वीडियो के सामने आने के बाद भारतीय दूतावास ने उनसे बातचीत की, जिसके बाद उन्होंने अपना इरादा टाल दिया।