SC में मोदी सरकार पर बरसे सुब्रमण्यम स्वामी, बोले- रामसेतु पर चुप क्यों है सरकार?

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नई दिल्ली : सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की। स्वामी ने कोर्ट से मांग की है कि वह केंद्र सरकार को रामसेतु को राष्ट्रीय विरासत घोषित करने का आदेश दे। सुनवाई के दौरान सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि पिछले 8 साल से मोदी सरकार ने इस संबंध में कोर्ट में एक भी हलफनामा नहीं दिया है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा है कि सरकार जवाब दाखिल करे और इसकी एक कॉपी स्वामी को भी दे।

केंद्र सरकार की तरफ से अडिशनल सॉलिसिटर जनरल माधवी दीवान कोर्ट में पेश हुई थीं। बेंच ने कहा कि सुब्रमण्मय स्वामी लिखित में अपना पक्ष रख सकते हैं। इसके बाद  सुनवाई को टाल दिया गया। पिछली सुनवाई के दौरान भी  सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि केंद्र सरकार अपना रुख साफ नहीं कर रही है। उन्होंने कहा था, भारत सरकार का  हलफनामा देकर बताना चाहिए कि वह फैसला कब करेगी। यह लगातार चलता ही जा रहा है। उन्हें जवाब देना चाहिए। अगर वे इसका विरोध कर रहे हैं तब भी अपनी बात रखनी चाहिए। अगर सरकार कुछ नहीं कहती तो इसका मतलब कि वह भी रामसेतु के राष्ट्रीय विरासत घोषित कतरने के पक्ष में है।

स्वामी ने 2007 में ही यह मुद्दा उठाया था। सेतु समुद्रम शिप चैनल के विरोध में उन्होंने यह मांग रखी थी। सेतु समुद्रम प्रोजक्ट के तहत मन्नार और पाल्क स्ट्रेट के बीच 83 किलोमीटर लंबा चैनल ब नाया जाना था। दावा किया जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट से रामसेतु को नुकसान होगा। इस मामले का जिक्र सुब्रमण्मय कई सार्वजिनक मंचों पर भी कर चुके हैं। कोर्ट में इसकी सुनवाई 17 अगस्त को भी हुई थी।